Education Policy : राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने कश्मीर का नया शिक्षा कदम
- by Archana
- 2025-08-09 09:03:00
Newsindia live,Digital Desk: जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा निर्णय लिया है यहाँ पच्चीस विशेष किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया है ये पुस्तकें अब स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाएंगी प्रशासन ने कहा कि इन किताबों में अलगाववादी विचार हैं ये राष्ट्र विरोधी और चरमपंथी बातों को बढ़ावा देती हैं यह निर्णय बच्चों के कोमल मन को गलत प्रभाव से बचाने के लिए लिया गया है ताकि वे कट्टरता की ओर न मुड़ें और अपने देश के प्रति विमुख न हों इस प्रतिबंध के पीछे कई कारण हैं जिनमें पाकिस्तानी प्रभावों को रोकना और युवाओं में देशभक्ति जगाना शामिल है
प्रतिबंधित पुस्तकों की सूची में कुछ प्रसिद्ध लेखकों के नाम हैं इनमें अरुंधति रॉय और ए जी नूरानी शामिल हैं इनकी रचनाएं कश्मीर मुद्दों पर आधारित रही हैं इन पर आरोप है कि वे विभाजनकारी या विवादित विचार पेश करती हैं शिक्षा विभाग और नागरिक समाज समूहों ने एक सर्वेक्षण किया था इस सर्वे के बाद ही यह फैसला लिया गया उन्होंने पाया कि यह सामग्री राष्ट्र निर्माण के लिए हानिकारक है और समाज में अनावश्यक भेदभाव पैदा कर सकती है इस कार्रवाई का उद्देश्य युवाओं को एक स्वस्थ और प्रगतिशील माहौल देना है जिससे वे बेहतर नागरिक बनें और राष्ट्रीय मुख्यधारा से जुड़ें स्कूल पाठ्यक्रम में केवल ज्ञानवर्धक और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली सामग्री ही होनी चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ सुरक्षित और सही दिशा में आगे बढ़ सकें प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से देश के प्रति प्रेम और सम्मान बढ़ाना है किसी भी विघटनकारी विचारधारा को पनपने नहीं दिया जाएगा
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