नवरात्रि कलश पर नारियल क्यों रखते हैं? इसका असली महत्व जानकर आप भी हैरान रह जाएँगे
नवरात्रि का पवित्र पर्व आते ही हर घर में पूजा और उत्सव की तैयारी शुरू हो जाती है। इन नौ दिनों की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण rituals में से एक है घटस्थापना या कलश स्थापना। हम सभी देखते हैं कि कलश के ऊपर आम के पत्तों के साथ एक नारियल भी रखा जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस नारियल का इतना महत्व क्यों है? यह सिर्फ़ एक फल नहीं है, बल्कि इसके पीछे बहुत गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक राज़ छिपे हैं।
क्यों इतना ख़ास है कलश पर रखा नारियल?
हिन्दू धर्म में नारियल को 'श्रीफल' कहा जाता है। 'श्री' का अर्थ है देवी लक्ष्मी। इसलिए, नारियल को सुख, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसे कलश के ऊपर स्थापित करने का मतलब है कि हम देवी लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित कर रहे हैं।
- त्रिदेव का प्रतीक: नारियल पर बनी तीन आँखें भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतीक मानी जाती हैं। यानी एक छोटे से नारियल में त्रिदेवों का वास होता है। कलश के ऊपर नारियल रखकर हम पूजा में त्रिदेवों की शक्ति को भी स्थापित करते हैं।
- सबसे पवित्र फल: नारियल एक ऐसा फल है जो बाहर से कठोर और अंदर से नरम, मीठा और पवित्र होता है। इसे देवताओं को चढ़ाने के लिए सबसे शुद्ध फलों में से एक माना जाता है।
- मानवीय अहंकार का त्याग: कुछ मान्यताओं के अनुसार, नारियल मानव के सिर और अहंकार का प्रतीक भी है। जब हम इसे भगवान को अर्पित करते हैं, तो इसका अर्थ है कि हम अपने अहंकार को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर रहे ہیں।
कलश स्थापना की सही विधि क्या है?
कलश स्थापना सिर्फ़ एक पूजा नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जा को एक पात्र में स्थापित करने की प्रक्रिया है।
- जगह चुनें: घर के पूजा स्थल या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में एक जगह को गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
- अष्टदल बनाएँ: वहाँ पर कुमकुम या हल्दी से अष्टदल (आठ कोणों वाला कमल) बनाएँ और उसके ऊपर थोड़े अक्षत (बिना टूटे चावल) रखें।
- कलश स्थापित करें: एक मिट्टी या तांबे का कलश लें। उसके गले में मौली (कलावा) बाँधें और उस पर स्वास्तिक बनाएँ।
- कलश में क्या डालें: कलश में गंगाजल या साफ़ पानी भरें। फिर उसमें एक सिक्का, सुपारी, दूर्वा, हल्दी की गाँठ, अक्षत और फूल डालें।
- आम के पत्ते: कलश के मुख पर 5, 7, या 9 आम के पत्ते रखें।
- नारियल रखें: अब एक नारियल लें, उस पर कलावा लपेटें और उसे लाल कपड़े (चुनरी) में लपेटकर आम के पत्तों के ऊपर रख दें।
ध्यान रखने वाली सबसे ज़रूरी बात: नारियल का मुख (जिस तरफ वह टहनी से जुड़ा होता है) हमेशा पूजा करने वाले व्यक्ति की ओर होना चाहिए। नारियल को कभी भी लिटाकर न रखें।
इस नवरात्रि, जब आप कलश स्थापना करें, तो इन बातों को ध्यान में रखकर करें। यह सिर्फ़ एक परंपरा नहीं, बल्कि अपने घर में देवी-देवताओं की ऊर्जा को बुलाने का एक पवित्र माध्यम है।
--Advertisement--