संतान सुख की कामना होगी पूरी, बस पौष पुत्रदा एकादशी पर करें ये 1 अचूक उपाय

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News India Live, Digital Desk : हर शादीशुदा जोड़े का सपना होता है कि उनके घर में बच्चे की किलकारी गूंजे। लेकिन कई बार बहुत कोशिशों और इलाज के बाद भी यह सुख कुछ लोगों को आसानी से नहीं मिल पाता। अगर आप भी संतान सुख की चाहत रखते हैं, तो निराश न हों। हिंदू धर्म में एक ऐसा व्रत है, जिसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर भगवान विष्णु स्वयं संतान प्राप्ति का वरदान देते हैं। इस चमत्कारी व्रत का नाम है पौष पुत्रदा एकादशी

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, 'पुत्रदा' यानी पुत्र प्रदान करने वाली। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे संतान की कामना के लिए सबसे उत्तम व्रतों में से एक माना गया है। चलिए जानते हैं साल 2025 में यह एकादशी कब है और इस दिन आपको कौन से उपाय करने चाहिए।

पौष पुत्रदा एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि: शनिवार, 11 जनवरी 2025
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 10 जनवरी, 2025 को शाम 07:11 बजे से
  • एकादशी तिथि समाप्त: 11 जनवरी, 2025 को शाम 05:32 बजे तक
  • पारण (व्रत खोलने का) समय: 12 जनवरी, 2025 को सुबह 07:03 बजे से 09:12 बजे के बीच

नोट: एकादशी का व्रत उदयातिथि के अनुसार 11 जनवरी को ही रखा जाएगा।

कैसे करें यह व्रत? (सरल पूजा विधि)

  1. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
  2. घर के मंदिर में भगवान विष्णु और बाल गोपाल की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. भगवान को पीले फूल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण), फल और तुलसी दल अर्पित करें।
  4. पति-पत्नी दोनों मिलकर गोपाल मंत्र "ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः" का 108 बार जाप करें।
  5. दिन भर निर्जल या फलाहार व्रत रखें और मन में भगवान विष्णु का ध्यान करें।
  6. शाम के समय फिर से भगवान की आरती करें और अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को शुभ मुहूर्त में ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद अपना व्रत खोलें।

संतान प्राप्ति के लिए करें यह विशेष उपाय

मान्यता है कि पौष पुत्रदा एकादशी के दिन अगर निसंतान दंपत्ति एक विशेष उपाय करें, तो उनकी गोद जल्द ही भर जाती है।

  • एकादशी के दिन पति-पत्नी एक साथ मिलकर पीले वस्त्र धारण करें।
  • भगवान विष्णु को एक कटोरी खीर में तुलसी दल डालकर भोग लगाएं।
  • पूजा समाप्त होने के बाद इस खीर के प्रसाद को दोनों पति-पत्नी ग्रहण करें।

कहा जाता है कि इस उपाय को पूरी श्रद्धा से करने पर भगवान विष्णु की कृपा से उत्तम और योग्य संतान की प्राप्ति होती है।

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