New US Ambassador to India: कौन हैं सर्जियो गोर, ट्रंप ने क्यों किया उन पर इतना भरोसा
News India Live, Digital Desk: New US Ambassador to India: हाल ही में खबर आई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए अपने अगले राजदूत के तौर पर सर्जियो गोर को नामित किया है. सर्जियो ट्रंप के बहुत ही खास और पुराने सहयोगी रहे हैं और यह खबर ऐसे समय में आई है, जब भारत और अमेरिका के संबंधों में कुछ तनाव दिख रहा है, खासकर व्यापार और कुछ रणनीतिक मुद्दों पर. ट्रंप ने खुद गोर को अपना "महान दोस्त" बताया है, जिस पर उन्हें अपनी पूरी योजनाओं को अंजाम देने के लिए "पूरा भरोसा" है.
कौन हैं सर्जियो गोर?
सर्जियो गोर अभी 38 या 39 साल के हैं और अगर अमेरिकी सीनेट से उनकी नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है, तो वे भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत बनेंगे. वह फिलहाल व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति कर्मियों के कार्यालय के निदेशक के पद पर काम कर रहे हैं.यानी, सरकारी महकमों में नियुक्तियों का जिम्मा उन्हीं के पास है. ट्रंप ने उनके काम की तारीफ करते हुए कहा कि गोर ने उनके कई ऐतिहासिक अभियानों में मदद की है, उनकी सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताबें प्रकाशित की हैं और सबसे बड़े सुपर पीएसी (राजनीतिक फंडिंग ग्रुप) में से एक को भी चलाया है
संबंधों में क्यों है तनाव?
यह नियुक्ति एक ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते थोड़े बिगड़े हुए हैं. अमेरिकी सरकार ने भारतीय सामानों पर 50% तक टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली है, जो 27 अगस्त से लागू हो सकते हैं. इसमें खासकर भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर 25% का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका कई देशों पर रूस से व्यापारिक दूरी बनाने का दबाव डाल रहा है.भारत ने अपने कृषि और डेयरी सेक्टर को विदेशी निवेश के लिए पूरी तरह से खोलने से भी फिलहाल मना किया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत थोड़ी अटकी हुई है.सर्जियो गोर की एक दोहरी जिम्मेदारी होगी; वे सिर्फ भारत के राजदूत नहीं होंगे, बल्कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत के तौर पर भी काम करेंगे
विवादों से भी रहा है नाता
सर्जियो गोर कुछ विवादों में भी घिर चुके हैं. एलन मस्क ने एक बार उन्हें "साँप" कह दिया था. आरोप था कि गोर ने अपनी खुद की सुरक्षा मंज़ूरी की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी और अस्थायी मंज़ूरी पर ही काम कर रहे थे. हालाँकि, व्हाइट हाउस ने इन दावों को पूरी तरह से नकार दिया और कहा कि उनके दस्तावेज़ पूरे थे और उनकी मंज़ूरी वैध थी. सर्जियो का जन्म 1986 में तत्कालीन सोवियत संघ के उज़्बेकिस्तान में हुआ था और 1999 में वे अपने परिवार के साथ अमेरिका आ गए थे. भारत से उनके किसी सीधे संबंध या कार्य के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है
आगे क्या होगा?
सर्जियो गोर की नियुक्ति अभी सीनेट की पुष्टि पर निर्भर करती है. देखना यह होगा कि क्या उनका अनुभव और ट्रंप का उन पर भरोसा, भारत और अमेरिका के जटिल संबंधों को सही दिशा दे पाएगा या नहीं. भारत और अमेरिका के बीच 190 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार होता है, इसलिए यह पद दोनों देशों के लिए बहुत मायने रखता है.
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