विवाहित पुरुष अपनी पत्नी के साथ रहते हुए भी अन्य महिलाओं की ओर क्यों आकर्षित होते हैं?
विवाह संस्था प्रेम, विश्वास और साहचर्य पर आधारित है। लेकिन हाल के दिनों में विवाहेतर संबंधों की खबरें काफ़ी बढ़ गई हैं। उदाहरण के लिए, एक अमेरिकी टेक कंपनी के सीईओ ने अपनी कंपनी के एचआर के साथ अपने प्रेम संबंधों के कारण दुनिया भर में सुर्खियाँ बटोरीं। ऐसी स्थितियाँ पति-पत्नी के रिश्ते में बड़ी चुनौतियाँ पैदा करती हैं। लेकिन क्या कारण है कि विवाहित पुरुष अपनी पत्नियाँ होने के बावजूद दूसरी स्त्रियों के प्रति आकर्षित होते हैं? चाणक्य के नीतिशास्त्र में इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर दिया गया है।
कम उम्र में विवाह अनुबंध:
चाणक्य के अनुसार, कम उम्र में शादी करने से कई बार रिश्ते पर असर पड़ता है। ऐसे में व्यक्तिगत परिपक्वता और जीवन की प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्टता कम होने की संभावना रहती है। समय के साथ रुचियों और आकांक्षाओं में बदलाव के कारण कुछ लोग अपने साथी से दूर होकर दूसरों की ओर आकर्षित हो सकते हैं। इसलिए, चाणक्य सलाह देते हैं कि सही समय पर अपने अनुकूल साथी का चुनाव करना ज़रूरी है।
वैवाहिक जीवन में असंतोष:
जब वैवाहिक जीवन में भावनात्मक जुड़ाव की कमी हो, संवाद में दिक्कत हो, या झगड़े हों, तो पुरुष अपनी भावनात्मक ज़रूरतों के लिए दूसरी महिलाओं की ओर आकर्षित हो सकते हैं। चाणक्य इसे रिश्ते में आपसी समझ की कमी का परिणाम मानते हैं। वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि अगर पति-पत्नी के बीच खुलकर बातचीत हो, तो ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
शारीरिक अंतरंगता का अभाव:
यदि वैवाहिक जीवन में शारीरिक सामंजस्य संतोषजनक नहीं है, तो आकर्षण का स्तर कम हो सकता है। इस कारण कुछ पुरुष अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अन्य स्त्रियों की ओर रुख कर सकते हैं। चाणक्य बताते हैं कि वैवाहिक जीवन में भावनात्मक और शारीरिक सामंजस्य का संतुलन बनाए रखना रिश्ते की मजबूती के लिए आवश्यक है।
बच्चों की जिम्मेदारी से दूर:
बच्चों के आने के बाद, माँ का ध्यान बच्चे पर ज़्यादा केंद्रित होना स्वाभाविक है। हालाँकि, अगर इस दौरान पति को अपनी पत्नी से पर्याप्त ध्यान नहीं मिलता, तो वह भावनात्मक रूप से दूसरों की ओर आकर्षित हो सकता है। चाणक्य चेतावनी देते हैं कि इससे विवाहेतर संबंध बन सकते हैं।
तुलना का आकर्षण
कुछ पुरुष अपनी पत्नियों की तुलना दूसरी महिलाओं से करके भी आकर्षण को लेकर भ्रमित हो जाते हैं। यह भावना कि "कोई और उनसे बेहतर है", सतही आकर्षण का कारण बन सकती है। चाणक्य पुरुषों को ऐसी तुलनाओं से बचने और अपने साथी के अच्छे गुणों का सम्मान करने की सलाह देते हैं।
प्यार की कमी:
अगर वैवाहिक जीवन में भावनात्मक और शारीरिक प्रेम की कमी है, तो पुरुषों के उस सुख को बाहर तलाशने की संभावना ज़्यादा होती है। चाणक्य के अनुसार, आपसी प्रेम, सम्मान और समझ पर आधारित रिश्ता ऐसी चुनौतियों से बचा सकता है।
चाणक्य का नीतिशास्त्र वैवाहिक जीवन में संतुलन और आपसी सम्मान के महत्व पर ज़ोर देता है। अगर पति-पत्नी विवाहेतर संबंधों को जन्म देने वाले इन कारकों को ध्यान में रखें और खुले संवाद, प्रेम और समझ के ज़रिए अपने रिश्ते को मज़बूत बनाएँ, तो वैवाहिक जीवन और भी खूबसूरत हो जाएगा।
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