ट्रंप की 'एक धमकी' से सहमी दुनिया, क्या आज क्रैश होगा भारतीय शेयर बाजार?
नई दिल्ली: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, भारतीय शेयर बाजार के लिए संकेत कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं. ग्लोबल बाजारों से आ रही टेंशन भरी खबरों का सीधा असर घरेलू बाजार पर दिखने की आशंका है, जिससे निवेशकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. सबसे बड़ी चिंता अमेरिका से आई है, जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने दुनिया भर के बाजारों में खलबली मचा दी है.
GIFT Nifty, जो हमारे बाजार की शुरुआत का इशारा देता है, लगभग 100 अंकों की गिरावट के साथ खुलने का संकेत दे रहा है. इसका मतलब है कि आज निवेशकों को एक बड़े 'गैप-डाउन' ओपनिंग के लिए तैयार रहना पड़ सकता है.
आखिर दुनिया किस बात से इतना डर गई है?
इस पूरी घबराहट के केंद्र में हैं डोनाल्ड ट्रंप. खबर है कि ट्रंप प्रशासन रूस पर अब तक के सबसे कड़े और बड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है. यह कोई छोटी-मोटी पाबंदी नहीं, बल्कि एक ऐसा फैसला है जो रूस की अर्थव्यवस्था को हिला सकता है और जिसका असर पूरी दुनिया की सप्लाई चेन और व्यापार पर पड़ेगा.
जब भी दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच इस तरह का तनाव बढ़ता है, तो निवेशक घबरा जाते हैं. वे अपना पैसा सुरक्षित जगहों पर लगाना पसंद करते हैं, और शेयर बाजार जैसी जोखिम वाली जगहों से पैसा निकालना शुरू कर देते हैं. इसी डर का असर हमें आज सुबह से ही बाजारों पर दिख रहा है.
कैसे हैं ग्लोबल बाजारों के हाल?
ट्रंप की इस खबर का असर अमेरिकी बाजारों पर भी दिखा, जहां मिला-जुला कारोबार रहा.
- अमेरिकी बाजार: डाओ जोन्स (Dow Jones) में हल्की बढ़त देखने को मिली, लेकिन नैस्डैक (Nasdaq) और एसएंडपी 500 (S&P 500) दबाव में रहे.
- एशियाई बाजार: आज सुबह एशियाई बाजारों में भी मिला-जुला रुख है. जापान का निक्केई (Nikkei) और कोरिया का कोस्पी (Kospi) हरे निशान में हैं, लेकिन चीन और हांगकांग के बाजारों पर दबाव साफ दिख रहा है.
भारतीय निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
- कमजोर शुरुआत: जैसा कि GIFT Nifty दिखा रहा है, आज सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत गिरावट के साथ होने की पूरी संभावना है.
- बिकवाली का दबाव: विदेशी निवेशक (FIIs) पहले से ही बिकवाली कर रहे हैं. इस तरह की नकारात्मक खबरों के बाद वे और भी पैसा निकाल सकते हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ेगा.
- उतार-चढ़ाव (Volatility): दिन भर बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव का माहौल बना रह सकता है.
संक्षेप में कहें तो हफ़्ते का आखिरी दिन बाज़ार के लिए काफ़ी मुश्किल भरा हो सकता है। रूस और अमेरिका के बीच इस तनाव ने वैश्विक धारणा को कमज़ोर कर दिया है, जिसका असर भारत पर भी पड़ना तय है। ऐसे में निवेशकों को सलाह है कि वे सोच-समझकर और सतर्कता से सौदे करें।
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