नोएडा को विशेष कर छूट: क्या है पूरा सच और आप पर इसका क्या असर होगा?
नई दिल्ली: हाल की खबरें जिनसे यह संकेत मिला कि नोएडा 'टैक्स-फ्री' हो गया है, वे पूरी तरह से सटीक नहीं हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने नई दिल्ली के आसपास के नियोजित शहर, नोएडा (New Okhla Industrial Development Authority) को आयकर से छूट प्रदान की है, लेकिन यह छूट शहर के लिए नहीं, बल्कि नोएडा अथॉरिटी (New Okhla Industrial Development Authority) पर लागू होती है और वह भी केवल गैर-व्यावसायिक आय पर। यह महत्वपूर्ण घोषणा, जो 2024-25 के आकलन वर्ष से प्रभावी है, भारत की शहरी विकास रणनीतियों को नया आकार दे सकती है।
क्या है यह टैक्स-फ्री का मतलब?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत, आयकर अधिनियम की धारा 10(46A) के तहत नोएडा अथॉरिटी को आय कर से छूट दी है। इसका सीधा मतलब यह है कि नोएडा अथॉरिटी अब उन आय पर करों का भुगतान नहीं करेगी जो उसके गैर-वाणिज्यिक सार्वजनिक कार्यों से उत्पन्न होती हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह छूट पूर्ण 'टैक्स-फ्री' स्थिति नहीं है। नोएडा अथॉरिटी द्वारा की जाने वाली किसी भी व्यावसायिक गतिविधि, जैसे रियल एस्टेट की बिक्री, निवेश पर अर्जित ब्याज, या अन्य लाभ-उन्मुख उद्यमों से होने वाली आय पर पूर्ण रूप से कर लगाया जाएगा।
इस छूट का उद्देश्य और प्रभाव:
इस कदम का मुख्य उद्देश्य नोएडा अथॉरिटी को उसके द्वारा अर्जित धन को सीधे बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में पुनर्निवेश (reinvest) करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि करों में रिसाव (leakage) को रोका जा सके।
क्या हैं शर्तें?
यह कर छूट एक फ्री पास नहीं है। नोएडा अथॉरिटी को स्पष्ट रूप से अलग-अलग खाते बनाए रखने होंगे, जिसमें कर-मुक्त आय और कर-योग्य आय का स्पष्ट विभाजन हो। यदि कोई ओवरलैप या दुरुपयोग पाया जाता है, तो पूरी छूट रद्द की जा सकती है।
यह पहल शहरी योजना को अधिक कर-कुशल (tax-efficient) बनाने के सरकारी दृष्टिकोण का हिस्सा है, और भविष्य में अन्य विकास प्राधिकरणों के लिए भी यह एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है।
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