जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत सर्जियो गौर से मिलकर भारत-अमेरिका रिश्तों का क्या तय किया?

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News India Live, Digital Desk: भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी हमेशा मजबूत रही है, लेकिन पिछले कुछ समय में दोनों देशों के रिश्तों में कुछ मुद्दों पर तनाव देखने को मिला है. ऐसे समय में, अमेरिका के राजदूत पद के मनोनीत सर्जियो गौर (Sergio Gor) की भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) से हुई मुलाकात ने कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह मुलाकात यह संकेत देती है कि दोनों देश अपने रिश्तों में स्थिरता बनाए रखने और भविष्य की चुनौतियों पर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं.

किन मुद्दों पर हुई चर्चा? (संभावित एजेंडा)

हालांकि, इस मुलाकात का विस्तृत एजेंडा और बातचीत का ब्यौरा आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है, लेकिन कुछ प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा होने की संभावना है, वे इस प्रकार हैं:

  1. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना: नए राजदूत का मनोनीत होना एक तरह से रिश्तों में नए सिरे से शुरुआत का संकेत होता है. इस मुलाकात का एक मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद रणनीतिक साझेदारी, आर्थिक संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत करने पर चर्चा करना रहा होगा.
  2. हालिया तनाव के मुद्दे: पिछले कुछ समय में दोनों देशों के बीच कुछ संवेदनशील मुद्दों पर मतभेद सामने आए हैं (जैसे कुछ विशिष्ट अपराधों की जाँच से जुड़े मुद्दे या मानवाधिकार से संबंधित चर्चाएँ). ऐसी स्थिति में, इन मुद्दों पर आपसी समझ और समाधान निकालने के लिए भी बातचीत हुई होगी.
  3. वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियाँ:
    • भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा: चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने पर चर्चा होना स्वाभाविक है, जिसमें 'क्वाड' (QUAD) जैसे बहुपक्षीय मंचों की भूमिका भी शामिल हो सकती है.
    • आतंकवाद: दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं, और इस मुद्दे पर आगे के सहयोग पर बात हुई होगी.
    • जलवायु परिवर्तन और अन्य मुद्दे: वैश्विक जलवायु परिवर्तन, सप्लाई चेन की चुनौतियाँ, ऊर्जा सुरक्षा और UN जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी विचार-विमर्श हुआ होगा.
  4. व्यापार और आर्थिक सहयोग: दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे और टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ, व्यापारिक संबंधों को और कैसे मजबूत किया जाए, इस पर भी बात हुई होगी. भारत और अमेरिका बड़े व्यापारिक भागीदार हैं, और आर्थिक सहयोग दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है.
  5. नए राजदूत का स्वागत और परिचय: यह गौर की भारत में औपचारिक तौर पर भूमिका संभालने से पहले एक महत्वपूर्ण परिचयात्मक मुलाकात भी थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं को साझा किया होगा.

एस. जयशंकर और सर्जियो गौर की यह मुलाकात बताती है कि भले ही भारत-अमेरिका के रिश्तों में बीच-बीच में थोड़ी खटास आई हो, लेकिन दोनों देश अपने संबंधों के दीर्घकालिक रणनीतिक महत्व को समझते हैं और उसे मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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