Weather Alert: बंगाल की खाड़ी में बदला मौसम का मिजाज, तमिलनाडु समेत इन राज्यों में होगी 'तबाही' वाली बारिश!

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मानसून 2025 अब अपने अंतिम चरण में है, लेकिन जाते-जाते यह एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाने की तैयारी कर रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसने दक्षिण भारत के कई तटीय राज्यों की चिंता बढ़ा दी है। चेतावनी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के ऊपर एक नया और शक्तिशाली कम दबाव का क्षेत्र (Low-Pressure Area) बनने की प्रबल संभावना है, जो अगले 24 से 48 घंटों में एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) का रूप ले सकता है।

इस वेदर सिस्टम के कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है। आइए, इस मौसमी हलचल को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि किन-किन क्षेत्रों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।

 

कैसे बनता है यह कम दबाव का क्षेत्र और क्यों है यह इतना खतरनाक?

कम दबाव का क्षेत्र तब बनता है जब समुद्र की सतह का तापमान बढ़ जाता है, जिससे उसके ऊपर की हवा गर्म होकर ऊपर उठती है। यह खाली जगह एक वैक्यूम की तरह काम करती है और आसपास की ठंडी और नमी से भरी हवाओं को अपनी ओर तेजी से खींचती है।

बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह सिस्टम समुद्र से भारी मात्रा में नमी (moisture) को सोख रहा है। जब यह सिस्टम तट की ओर बढ़ेगा, तो यह सारी नमी बादलों के रूप में तटीय इलाकों पर जमकर बरसेगी, जिससे कुछ ही घंटों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

 

तमिलनाडु और पुडुचेरी पर सबसे ज़्यादा असर

मौसम विभाग के अनुसार, इस सिस्टम का सबसे सीधा और गंभीर प्रभाव तमिलनाडु और पुडुचेरी पर देखने को मिलेगा।

  • भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट: IMD ने राज्य के कई तटीय जिलों, विशेष रूप से चेन्नई, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, और विल्लुपुरम के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया है। इन इलाकों में अगले 72 घंटों के दौरान 15 से 20 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की जा सकती है।
  • शहरी बाढ़ का खतरा: चेन्नई जैसे महानगरों में तेज बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भरने (waterlogging) और ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • तेज हवाएं: बारिश के साथ-साथ 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे कमजोर संरचनाओं और पेड़ों को नुकसान पहुंचने की आशंका ਹੈ।

आसपास के राज्यों पर भी असर

इस सिस्टम का प्रभाव सिर्फ तमिलनाडु तक ही सीमित नहीं रहेगा।

  • दक्षिणी आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय जिलों जैसे नेल्लोर, तिरुपति, और चित्तूर में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
  • केरल और कर्नाटक: केरल के कुछ हिस्सों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है।

 

मछुआरों के लिए सबसे बड़ी चेतावनी

इस मौसम प्रणाली के दौरान समुद्र में बहुत ऊंची और खतरनाक लहरें उठने की आशंका है। इसे देखते हुए, IMD ने मछुआरों के लिए एक स्पष्ट और सख्त चेतावनी जारी की है:

  • समुद्र में न जाएं: तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के मछुआरों को अगले 3 से 4 दिनों तक समुद्र में मछली पकड़ने के लिए न जाने की सख्त सलाह दी जाती है।
  • जो समुद्र में हैं, वे लौट आएं: जो मछुआरे पहले से ही गहरे समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौटने के लिए कहा गया ਹੈ।

 

आम नागरिकों के लिए सुरक्षा सलाह

प्रशासन ने आम लोगों से भी सतर्क रहने और कुछ सावधानियां बरतने की अपील की है:

  • जरूरी न हो तो घर से न निकलें: भारी बारिश की चेतावनी के दौरान यात्रा करने से बचें।
  • पुराने पुल और जलभराव वाले रास्तों से दूर रहें: पानी भरे अंडरपास और कमजोर पुलों को पार करने का जोखिम न लें।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सावधानी: बिजली के खंभों और ढीले तारों से दूर रहें।
  • आपातकालीन किट तैयार रखें: एक इमरजेंसी किट तैयार रखें जिसमें टॉर्च, पावर बैंक, पीने का पानी, और प्राथमिक चिकित्सा का सामान हो।

अगले कुछ दिन दक्षिण भारत के इन राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। सभी से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन पूरी तरह से सतर्क रहें और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई आधिकारिक जानकारी पर ही ध्यान दें।

 

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