लोस चुनाव : द्वितीय चरण की आठ सीटों पर मतदान शुरू, 1.67 करोड़ मतदाता चुनेंगे अपना जनप्रतिनिधि

लखनऊ, 26 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की पश्चिम की आठ लोकसभा क्षेत्रों में मतदान शुक्रवार सुबह सात बजे शुरू हो गया है। पहले चरण में कम मत प्रतिशत को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं में वोट के प्रति जागरूकता अभियान को बढ़ाया है। मतदान के द्वितीय चरण में मतदेय स्थलों के कुछ बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ लग गई हैं तो कई जगहों पर बूथ खाली हैं। लोगों में मतदान को लेकर उत्साह है। आठ लोकसभा सीटों में कुल 91 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 67 लाख 77 हजार 198 है।

लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर (अ0जा0), अलीगढ़ तथा मथुरा में सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान शाम को छह बजे तक चलेगा। इसमें कुल 01 करोड़ 67 लाख 77 हजार 198 मतदाता हैं, जिनमें 90 लाख 26 हजार 51 पुरुष मतदाता तथा 77 लाख 50 हजार 356 महिला मतदाता हैं। वहीं 791 थर्ड जेण्डर मतदाता हैं। मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से सबसे अधिक मतदाता गाजियाबाद में (29 लाख, 45 हजार 487) तथा सबसे कम मतदाता बागपत (16 लाख 53 हजार 146) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में हैं।

आठ निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 91 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। सबसे अधिक 15 प्रत्याशी गौतमबुद्धनगर और मथुरा लोकसभा क्षेत्र में हैं तथा सबसे कम छह प्रत्याशी बुलंदशहर (अ.जा.) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में हैं। द्वितीय चरण में कुल 17704 मतदेय स्थल (पोलिंग बूथ) तथा 7797 मतदान केन्द्र हैं। इन मतदेय स्थलों में से 3472 क्रिटिकल हैं।

मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए आयोग द्वारा तीन विशेष प्रेक्षक, आठ सामान्य प्रेक्षक, पांच पुलिस प्रेक्षक तथा 12 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किये गये हैं। उक्त के अतिरिक्त 1451 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 190 जोनल मजिस्ट्रेट, 222 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 1599 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं। चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिए 4213 भारी वाहन, 3251 हल्के वाहन तथा 79338 मतदान कार्मिक लगाये गये हैं। चुनाव में मतदान के लिए 17230 ईवीएम की कन्ट्रोल यूनिट, 17331 बैलट यूनिट तथा 17443 वी.वी. पैट तैयार किये गये हैं। चुनाव को शांतिपूर्णढंग से सम्पन्न कराने हेतु पर्याप्त मात्रा में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अर्द्ध सैनिक बलों को दी गयी है।