Vastu Tips : क्या आपके घर से लक्ष्मी वापस लौट जाती हैं? वजह कहीं आपके जूते तो नहीं

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News India Live, Digital Desk : हम अपने घर को सुंदर बनाने के लिए लाखों खर्च करते हैं, पर्दे बदलते हैं, पेंट करवाते हैं और फर्नीचर सजाते हैं। लेकिन एक चीज जिसे हम सबसे ज्यादा नजरअंदाज करते हैं, वो हैं हमारे जूते और चप्पल। हम ऑफिस या बाहर से आते हैं और जूतों को दरवाजे पर कहीं भी उतार फेंकते हैं। कई बार तो सीढ़ियों के नीचे जूतों का पहाड़ खड़ा हो जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, आपकी ये लापरवाही आपके और आपके परिवार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है? बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते थे कि "लक्ष्मी उसी घर में आती है जहाँ दहलीज साफ़ हो," और यह बात जूतों पर सबसे ज्यादा लागू होती है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि जूते-चप्पलों से जुड़े वो कौन से नियम हैं, जिन्हें अनदेखा करना भारी पड़ सकता है।

1. मुख्य द्वार (Main Door) पर जूतों का ढेर? बिगड़ेगा खेल!
घर का मुख्य दरवाजा सिर्फ आपके अंदर आने का रास्ता नहीं है, इसे ऊर्जा और सकारात्मकता (Positivity) का प्रवेश द्वार माना जाता है। अगर वहां जूतों का ढेर लगा रहेगा, या जूते इधर-उधर बिखरे पड़े रहेंगे, तो सकारात्मक ऊर्जा घर में कैसे घुसेगी?

  • नुकसान: इसे मां लक्ष्मी का अनादर माना जाता है। इससे धन आने के रास्ते रुकते हैं और घर में बेवजह का तनाव बना रहता है।
  • सलाह: जूतों को हमेशा साइड में एक रैक (Rack) में रखें। दरवाजे के ठीक सामने जूते उतारना बंद कर दें।

2. कौन सी दिशा है बेस्ट?
अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर जूते रखें कहाँ?

  • वास्तु के हिसाब से पश्चिम (West) और दक्षिण-पश्चिम (South-West) दिशा जूतों की अलमारी रखने के लिए सबसे सही मानी जाती है।
  • चेतावनी: भूलकर भी उत्तर (North), पूर्व (East) या ईशान कोण (North-East) में जूते न रखें। यह दिशा भगवान और पॉजिटिव एनर्जी की होती है। यहाँ गंदगी रखने का मतलब है अपनी तरक्की पर खुद ताला लगाना।

3. बेडरूम में जूते ले जाना यानी रिश्तों में खटास
आजकल कई लोगों को आदत होती है कि वो बाहर के जूते-सैंडल पहनकर ही बेडरूम तक चले जाते हैं या फिर जूतों का रैक बेडरूम में ही रख लेते हैं। यह बहुत बड़ी गलती है। बाहर की गंदगी और निगेटिव एनर्जी जब आपके सोने की जगह पर आती है, तो इसका सीधा असर पति-पत्नी के रिश्तों और आपकी नींद पर पड़ता है। स्वास्थ्य भी गड़बड़ा सकता है।

4. फटे और पुराने जूतों का मोह छोड़ें
कई बार हम पुराने, टूटे-फूटे जूतों को यह सोचकर संभाल कर रखते हैं कि "कभी काम आएंगे।" वास्तु कहता है कि फटे हुए जूते 'शनि' के बुरे प्रभाव को बढ़ाते हैं। यह दुर्भाग्य और दरिद्रता (Poverty) का प्रतीक हैं। जो जूते आप पहनते नहीं हैं, उन्हें घर से हटा दें या किसी जरूरतमंद को ठीक करवा कर दे दें।

5. कैसा हो आपका शू-रैक? (Shoe Rack)
कोशिश करें कि आपका जूतों का रैक 'बंद' (Closed Cabinet) वाला हो। खुले रैक में रखे जूते न सिर्फ दिखने में भद्दे लगते हैं, बल्कि उनसे निकलने वाली नकारात्मकता पूरे कमरे में फैलती है। रैक की समय-समय पर सफाई करना भी उतना ही जरूरी है जितना बाकी घर की।

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