Uttar Pradesh : अब मुस्तफाबाद हुआ कबीरधाम CM योगी का एक और बड़ा ऐलान, बोले- पहले कब्रिस्तान पर खर्च होता था पैसा
News India Live, Digital Desk : उत्तर प्रदेश में शहरों और जगहों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। इलाहाबाद को 'प्रयागराज' और फैजाबाद को 'अयोध्या' बनाने के बाद, अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है - मुस्तफाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'कबीरधाम' करने का बड़ा ऐलान किया है।
यह घोषणा सीएम योगी ने सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद में स्थित कबीरधाम आश्रम में की, जहां वह संत असंग देव महाराज के तीन दिवसीय प्रकटोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
"यहां एक भी मुस्लिम नहीं, फिर भी नाम मुस्तफाबाद"
एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने नाम बदलने के पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा, "जब मैं यहां आया तो मैंने इस गांव के बारे में पूछा। मुझे बताया गया कि इसका नाम मुस्तफाबाद है। मैंने पूछा कि यहां कितने मुस्लिम रहते हैं, तो बताया गया कि एक भी नहीं। फिर भी नाम मुस्तफाबाद बना रहा। मैंने कहा कि यह नाम बदलकर कबीरधाम होना चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के काम करने के तरीके की तुलना पिछली सरकारों से करते हुए कहा कि 2014 के बाद से सभी धार्मिक स्थलों के विकास के लिए धन दिया जा रहा है, जबकि पहले यह पैसा कब्रिस्तान की चारदीवारी बनाने पर खर्च होता था।
"यह पाखंड है..."
सीएम योगी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या को फैजाबाद, प्रयागराज को इलाहाबाद और कबीरधाम को मुस्तफाबाद बनाया गया था। उन्होंने कहा, "हमने इन स्थलों की पहचान वापस लौटाने का कार्य किया है। विपक्ष इसे सेक्युलरिज्म के नाम पर करता था, जबकि यह पाखंड है।"
योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल में पहले भी कई महत्वपूर्ण जगहों के नाम बदल चुकी है। 2019 कुंभ मेले से ठीक पहले, इलाहाबाद का नाम बदलकर उसके ऐतिहासिक नाम 'प्रयागराज' पर कर दिया गया था। इसी तरह, फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया जा चुका है।
यह फैसला योगी सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत उन जगहों के नाम बदले जा रहे हैं जिनके बारे में उनका मानना है कि वे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को सही ढंग से नहीं दर्शाते।
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