US Trade Policy : डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ब्राजील और श्रीलंका पर लगे थे कड़े टैरिफ, वैश्विक व्यापार में बढ़ी थी चुनौती
News India Live, Digital Desk: US Trade Policy : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में, उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत व्यापार को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए थे, जिन्होंने वैश्विक व्यापारिक माहौल को प्रभावित किया। इसी कड़ी में, उन्होंने ब्राजील और श्रीलंका से होने वाले कुछ आयातों पर महत्वपूर्ण शुल्क लगाने का ऐलान किया था।
तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की थी कि ब्राजील से आने वाले कुछ उत्पादों पर 50 प्रतिशत और श्रीलंका से आने वाले कुछ सामानों पर 30 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। यह फैसले अक्सर घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने और अमेरिकी कंपनियों को कथित रूप से अनुचित व्यापारिक प्रथाओं से बचाने के तर्क पर आधारित होते थे। ब्राजील के मामले में अक्सर मुद्रा में हेरफेर या अमेरिकी बाजारों में उत्पादों को अनुचित कीमत पर बेचने (डंपिंग) के आरोप लगते थे, जबकि श्रीलंका के संदर्भ में भी ऐसे ही आरोप या विशेष व्यापारिक शर्तों का उल्लंघन शामिल हो सकता था।
यह सभी नए टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होने थे, जिसके बाद इन देशों के निर्यातकों और अमेरिका में उन सामानों के आयातकों के लिए लागत में significant वृद्धि होने की संभावना थी। ट्रंप के इन कदमों का उद्देश्य अमेरिकी निर्माताओं और श्रमिकों के हितों की रक्षा करना था, लेकिन अक्सर इन्होंने संबंधित देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव पैदा किया और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित किया। इस तरह के शुल्क लगने से उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती थीं और उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ना स्वाभाविक था।
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