US Budget Crisis : शटडाउन का डर ,बिना तनख्वाह घर बैठे कर्मचारी ,क्या यह संकट ग्लोबल इकोनॉमी को हिलाएगा?

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News India Live, Digital Desk: US budget crisis : आपने ज़रूर अख़बारों या टीवी पर 'अमेरिकी सरकार के शटडाउन' की ख़बरें सुनी होंगी. यह सुनकर थोड़ा अजीब लगता है ना कि दुनिया की इतनी बड़ी शक्ति की सरकार कैसे "बंद" हो सकती है? आइए, आज इसी पे बात करते हैं और एकदम सरल भाषा में समझते हैं कि ये क्या होता है और अगर ऐसा कभी होता है, तो आपकी ज़िंदगी पर या दुनिया पर इसका क्या असर पड़ सकता है.

असल में, 'सरकारी शटडाउन' का मतलब ये नहीं कि पूरा देश ही ठप हो जाता है या सारे काम बंद हो जाते हैं. इसका मतलब होता है कि अमेरिकी सरकार की कई गैर-ज़रूरी सेवाएं (Non-essential services) कुछ समय के लिए रुक जाती हैं. ऐसा तब होता है जब अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस, समय रहते बजट को लेकर किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाती और सरकार के पास अलग-अलग विभागों को चलाने के लिए पैसा ख़त्म हो जाता है.

आपके लिए इसका क्या मतलब हो सकता है?

अगर कभी ऐसा होता है, तो इसकी मार कई लोगों पर और कई जगह दिखती है:

  • सरकारी कर्मचारियों पर असर: सबसे पहले, हजारों सरकारी कर्मचारी (Federal employees) 'फर्लो' पर चले जाते हैं, यानी उन्हें बिना तनख्वाह के घर बैठना पड़ता है. सोचिए, दिवाली-होली जैसे त्योहारों पर तनख्वाह रुक जाए तो कैसा लगेगा? वहीं, कुछ बेहद ज़रूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को बिना पैसे के काम करना पड़ सकता है, क्योंकि वे देश की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए अनिवार्य होते हैं.
  • आम जनता की मुश्किलें: कुछ सरकारी काम आम लोगों के लिए रुक जाते हैं. जैसे कि:
    • नेशनल पार्क और म्यूज़ियम बंद: अगर आप अमेरिका घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो ऐतिहासिक नेशनल पार्क या बड़े म्यूज़ियम बंद मिल सकते हैं.
    • पासपोर्ट और वीज़ा सेवाएं: पासपोर्ट आवेदन (Passport applications) या वीज़ा से जुड़ी सेवाओं में देरी आ सकती है या कुछ समय के लिए रुक सकती हैं.
    • सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा: कुछ सरकारी दफ्तर जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं, वे भी बंद हो सकते हैं.
    • टैक्स और लोन में देरी: टैक्स वापसी या सरकारी लोन के प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है, जिससे आर्थिक रूप से लोगों को दिक्कत आ सकती है.

कौन सी सेवाएं चलती रहती हैं?

हालांकि, कुछ बेहद ज़रूरी सेवाएं (Essential services) फिर भी बिना रुकावट चलती रहती हैं, ताकि देश की बुनियादी व्यवस्था न बिगड़े:

  • सुरक्षा और कानून व्यवस्था: पुलिस, फ़ायर सर्विस, सीमा सुरक्षा (Border Patrol) और सेना से जुड़े काम चलते रहते हैं.
  • हवाई यातायात नियंत्रण: एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी ज़रूरी सेवाएं जारी रहती हैं, ताकि हवाई यात्रा सुरक्षित रहे.
  • स्वास्थ्य सेवाएं: इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं और कुछ ज़रूरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चलते रहते हैं.
  • सोशल सिक्योरिटी: बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलने वाली सोशल सिक्योरिटी की रकम आमतौर पर मिलती रहती है.

संक्षेप में, सरकारी शटडाउन किसी के लिए अच्छा नहीं होता. इससे ना सिर्फ सरकार के काम प्रभावित होते हैं, बल्कि लाखों लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और देश की अर्थव्यवस्था (Economy) पर भी सीधा असर पड़ता है. यह दर्शाता है कि किसी भी देश की व्यवस्था में बजट कितना महत्वपूर्ण होता है और इस पर आम सहमति बनाना क्यों ज़रूरी है.

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