UPSRTC Lucknow : लखनऊ में दीवार गिरी, सियासत गरमाई , मेयर और सपा विधायक आमने-सामने, एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन पर हुए दर्दनाक हादसे ने अब एक बड़ा सियासी रूप ले लिया है। जर्जर दीवार गिरने से हुए इस हादसे के बाद जहां पीड़ित परिवार मातम में डूबे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आमने-सामने आ गए हैं। इस सियासी जंग के केंद्र में हैं लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल और सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा, जो एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ यह सियासी घमासान?
हादसे की खबर मिलते ही लखनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक के परिवार के लिए 50 लाख रुपये और घायलों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर दी।
इसके कुछ देर बाद जब लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचीं, तो वहां का माहौल गरमा गया। दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
मेयर और सपा विधायक के बीच सीधी टक्कर
मेयर सुषमा खर्कवाल ने सपा पर लगाए ये आरोप:
मेयर ने सपा विधायक पर 'त्रासदी पर राजनीति' करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मैं यहां हालात का जायजा लेने आई हूं, लेकिन समाजवादी पार्टी के लोग इस दुखद घटना पर भी अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आ रहे हैं।" मेयर ने यह भी कहा कि इस बस स्टेशन का निर्माण और रखरखाव समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान ही हुआ था और आज वे खुद ही इस पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी, लेकिन इस पर सियासत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा का पलटवार:
वहीं, सपा विधायक ने मेयर और भाजपा सरकार पर पूरी तरह से असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह हादसा नहीं, हत्या है। यह भाजपा सरकार की लापरवाही का नतीजा है। हम कई बार इन जर्जर दीवारों की शिकायत कर चुके थे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।" मेहरोत्रा ने मेयर पर देर से पहुंचने और सिर्फ "फोटो खिंचवाने" का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पीड़ितों के दुख से कोई लेना-देना नहीं है।
अधिकारियों को लगाई गई फटकार
इस सियासी तू-तू मैं-मैं के बीच, मेयर सुषमा खर्कवाल ने मौके पर मौजूद परिवहन निगम (UPSRTC) के अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगाई। उन्होंने जर्जर दीवारों और परिसर की खराब हालत को लेकर अधिकारियों से जवाब तलब किया और तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
यह हादसा अब सिर्फ एक दुर्घटना नहीं रह गया है, बल्कि यह लखनऊ की सियासत का एक नया अखाड़ा बन गया है। जहां एक तरफ पीड़ित परिवार न्याय और मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नेता इस त्रासदी पर भी एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
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