UP पंचायत चुनाव से पहले योगी सरकार का बड़ा दांव, अब गांवों में ही बनेंगे आधार कार्ड

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News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ग्राम पंचायतों को और भी शक्तिशाली बनाने की तैयारी में है। सरकार एक ऐसा कदम उठाने जा रही है जिससे न केवल गांवों में विकास की रफ्तार तेज होगी, बल्कि ग्रामीणों को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए शहर या ब्लॉक के चक्कर काटने से भी मुक्ति मिल जाएगी। खबर है कि सरकार ग्राम पंचायतों को कई नए अधिकार सौंपने जा रही है, जिसमें सबसे अहम है आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने की सुविधा।

अब गांव में ही बनेगा आधार, बुजुर्गों और महिलाओं को मिलेगी राहत

अभी तक ग्रामीणों को नया आधार कार्ड बनवाने या उसमें नाम, पता, जन्मतिथि जैसी कोई जानकारी अपडेट कराने के लिए ब्लॉक, तहसील या शहर में बने आधार सेवा केंद्रों पर जाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में अक्सर पूरा दिन लग जाता था और लोगों को लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता था। इससे सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों को होती थी।

लेकिन अब योगी सरकार की नई योजना के तहत यह सुविधा ग्राम पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। हर ग्राम सचिवालय में आधार कार्ड बनाने और उसे अपडेट करने के लिए मशीनें लगाई जाएंगी और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस फैसले से करोड़ों ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों बचेगा और वे सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा पाएंगे।

सिर्फ आधार ही नहीं, पंचायतों का बढ़ेगा दायरा

सूत्रों के मुताबिक, सरकार का प्लान सिर्फ आधार कार्ड तक ही सीमित नहीं है। पंचायतों को और भी कई अधिकार देने की तैयारी चल रही है ताकि "ग्राम स्वराज" की अवधारणा को जमीन पर उतारा जा सके। इन अधिकारों में शामिल हो सकते हैं:

  • छोटे-मोटे विवादों का निपटारा: गांवों में होने वाले छोटे-मोटे जमीनी या पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए पंचायतों को और अधिक कानूनी अधिकार दिए जा सकते हैं।
  • विकास कार्यों में सीधी भूमिका: मनरेगा और अन्य विकास योजनाओं में ग्राम पंचायतों की भूमिका को और बढ़ाया जाएगा ताकि काम तेजी से और पारदर्शिता के साथ हो सके।
  • स्थानीय स्तर पर टैक्स वसूली: पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें कुछ स्थानीय करों की वसूली का अधिकार भी दिया जा सकता है।

पंचायत चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक?

राजनीतिक जानकार योगी सरकार के इस कदम को पंचायत चुनाव से पहले एक बड़े "मास्टरस्ट्रोक" के रूप में देख रहे हैं। इस फैसले का सीधा असर गांव में रहने वाली एक बड़ी आबादी पर पड़ेगा। सरकार का यह कदम न केवल गांवों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को आसान बनाएगा, बल्कि ग्राम प्रधानों और पंचायत के प्रतिनिधियों को भी और अधिक सशक्त महसूस कराएगा। इससे आगामी पंचायत चुनावों में बीजेपी को सीधा फायदा मिल सकता है।

फिलहाल, पंचायती राज विभाग इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।

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