UP New Industrial Policy : यूपी में बदलेगी बुनकरों की तकदीर, संत कबीर के नाम पर बनेंगे टेक्सटाइल और अपैरल पार्क
News India Live, Digital Desk: UP New Industrial Policy : उत्तर प्रदेश के बुनकरों, कारीगरों और टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े लाखों लोगों के लिए एक बड़ी ख़ुशख़बरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फ़ैसला लिया है। एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने ऐलान किया कि राज्य के विभिन्न ज़िलों में संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित किए जाएंगे।
यह फ़ैसला प्रदेश के वस्त्र उद्योग में निजी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए लिया गया है। सरकार का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश की पारंपरिक वस्त्र कला को एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि यह राज्य को एक ग्लोबल टेक्सटाइल हब के रूप में भी स्थापित करेगा।
क्यों संत कबीर के नाम पर रखी गई योजना?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना को महान संत कबीर दास को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संत कबीर ने अपने जीवन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को सबसे ऊपर रखा और यही भावना इस योजना का भी आधार बनेगी। सरकार का लक्ष्य इस योजना के ज़रिए परंपरा और आधुनिकता का एक संतुलन बनाना है, जिससे निवेश, उत्पादन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
क्या है सरकार का बड़ा प्लान?
एक अनुमान के मुताबिक़, 2030 तक दुनिया भर में वस्त्र और परिधान का बाज़ार 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा, और भारत इसमें तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाना चाहता है।
- 15,431 करोड़ का निवेश: निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र उद्योग से जुड़े 659 प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिनसे क़रीब 15,431 करोड़ रुपए का निवेश आने की उम्मीद है।
- 1 लाख से ज़्यादा नौकरियां: इन पार्कों की स्थापना से प्रदेश में 1 लाख से ज़्यादा प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है। फ़िलहाल, इस सेक्टर से क़रीब 22 लाख लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।
- न्यूनतम 50 एकड़ में बनेंगे पार्क: हर पार्क कम से कम 50 एकड़ ज़मीन पर बनाया जाएगा। इनमें बटन, ज़िपर, लेबल और पैकेजिंग जैसी सहायक इकाइयों के लिए भी जगह होगी।
- आधुनिक सुविधाओं से लैस: इन पार्कों में कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) लगाना अनिवार्य होगा ताकि पर्यावरण को कोई नुक़सान न पहुँचे।
यूपी पहले से ही है टेक्सटाइल का बड़ा खिलाड़ी
उत्तर प्रदेश पहले से ही देश के सबसे बड़े वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य से क़रीब 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। वाराणसी, मऊ, भदोही, सीतापुर और गोरखपुर जैसे शहर अपनी पारंपरिक बुनाई के लिए मशहूर हैं, और अब इन पार्कों की स्थापना से इन्हें नई ताक़त मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ज़मीन की पहचान और विकास के काम में तेज़ी लाई जाए ताकि निवेशकों को जल्द से जल्द सभी सुविधाएं मिल सकें। साथ ही, बुनकरों की ज़रूरतों को समझने के लिए हर ज़िले में उनसे संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
--Advertisement--