Tulsi Pujan Diwas 2025 : क्यों ख़ास है 25 दिसंबर? अगर घर में क्लेश है तो यह एक दीया सब ठीक कर देगा

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News India Live, Digital Desk : हम सब जानते हैं कि 25 दिसंबर पूरी दुनिया में क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। हर तरफ सांता क्लॉज और केक की चर्चा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दिन हमारी भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के लिए भी बेहद खास है? जी हाँ, 25 दिसंबर को हम 'तुलसी पूजन दिवस' (Tulsi Pujan Diwas) के रूप में मनाते हैं।

तुलसी सिर्फ एक पौधा नहीं है, इसे हमारे शास्त्रों में साक्षात देवी का दर्जा दिया गया है। भगवान विष्णु तो तुलसी के बिना भोग भी स्वीकार नहीं करते। आज यानी 23 दिसंबर है, और परसों 25 तारीख है। तो चलिए, तैयारी कर लीजिये। इस बार विदेशी त्योहार के शोर-शराबे में अपनी जड़ों को मत भूलियेगा। आइये जानते हैं कि इस दिन आपको क्या ख़ास करना चाहिए ताकि माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों खुश हो जाएं।

तुलसी पूजन दिवस 2025: तारीख और महत्त्व

इस साल भी 25 दिसंबर 2025 को तुलसी पूजन दिवस बड़े धूम-धाम से मनाया जाएगा। यह दिन लोगों को प्रकृति और आयुर्वेद से जोड़ने का एक शानदार बहाना भी है। तुलसी हमारे आंगन की वो शोभा है जो न सिर्फ हवा साफ़ करती है, बल्कि घर से निगेटिव एनर्जी (बुरी शक्तियों) को भी दूर रखती है।

लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के 3 चमत्कारी उपाय (जरूर आजमाएं)

इस दिन अगर आप सच्चे मन से कुछ छोटे-छोटे उपाय कर लेते हैं, तो माना जाता है कि गरीबी और दरिद्रता घर का रास्ता भूल जाती है।

  1. कच्चे दूध का उपाय:
    तुलसी पूजन के दिन सुबह नहा-धोकर तुलसी की जड़ में थोड़ा सा कच्चा दूध अर्पित करें। ऐसा करने से कुंडली के कई दोष शांत हो जाते हैं और रुका हुआ पैसा वापस आने के चांस बढ़ जाते हैं।
  2. शाम का दीया:
    अक्सर लोग सुबह पूजा करते हैं लेकिन शाम को भूल जाते हैं। तुलसी पूजन दिवस की शाम को (सूर्यास्त के बाद) तुलसी के पास शुद्ध घी का दीपक ज़रूर जलाएं। साथ ही 11 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। कहते हैं जहां शाम को तुलसी के पास उजाला होता है, वहां माँ लक्ष्मी दौड़ी चली आती हैं।
  3. सुहाग की सामग्री:
    अगर आप विवाहित हैं, तो इस दिन तुलसी माता को लाल चुनरी और चूड़ियाँ चढ़ाएं। इससे दांपत्य जीवन (Married Life) में मिठास बनी रहती है।

पूजा कैसे करें? (Simple Vidhi)

  • सुबह जल्दी उठें और तुलसी के पौधे के आस-पास सफाई करें।
  • पौधे को जल दें और रोली, चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं।
  • इसके बाद अक्षत (चावल) और फूल चढ़ाएं।
  • अंत में कर्पूर (Camphor) जलाकर तुलसी माँ की आरती करें और परिवार की अच्छी सेहत की कामना करें।

वैज्ञानिक वजह भी जान लीजिये

धार्मिक महत्व अपनी जगह है, लेकिन विज्ञान भी मानता है कि तुलसी 'ऑक्सीजन' का खजाना है। सर्दियों में तुलसी पूजन का मकसद यह भी है कि हम इस औषधीय पौधे की देखभाल करें, क्योंकि ठंड में अक्सर तुलसी सूखने लगती है। तो इस बहाने हम उसकी रक्षा करते हैं और बदले में वह हमारी सेहत की रक्षा करती है।

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