Trump's big Attack: कमला हैरिस पर लगा करोड़ों के endorsements का आरोप मुकदमे की माँग

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Newsindia live,Digital Desk:Trump's big Attack: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और कुछ अन्य राजनेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्हें 'बिलकुल मुफ्त' प्रचार मिलने के बजाय 'करोड़ों डॉलर' की गुप्त भुगतान की रकम मिलती रही है, विशेषकर उन कंपनियों से जिनका कारोबार उन मुद्दों से जुड़ा है जिनकी वे पैरवी कर रहे हैं। ट्रंप ने मांग की है कि इस मामले की जांच हो और दोषी पाए जाने पर अभियोजन (मुकदमा) चलाया जाए।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी, चक शूमर और एडम शिफ जैसे प्रमुख डेमोक्रेटिक राजनेताओं को उनके राजनीतिक पद और सार्वजनिक बयानों के बदले कंपनियों से 'करोड़ों डॉलर' की गुप्त भुगतान राशियाँ मिली हैं। ट्रंप के अनुसार, यह 'भ्रष्टाचार' है और यह भुगतान उनकी प्रचार सामग्री में बिना किसी स्पष्टता के विज्ञापन के रूप में दिखाई देते हैं।

ट्रंप का आरोप इस बात पर केंद्रित है कि ये नेता उन कंपनियों के एजेंडे का प्रचार करते हैं जो उन्हें गुप्त रूप से भुगतान करती हैं। आमतौर पर, राजनेता सार्वजनिक रूप से किसी उत्पाद या कंपनी का समर्थन (endorsement) कर सकते हैं, लेकिन पारदर्शिता कानून इसकी रिपोर्टिंग अनिवार्य बनाते हैं। ट्रंप का दावा है कि यहां गुप्त भुगतान किए जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर हितों के टकराव और नैतिक उल्लंघन का मामला है। उन्होंने विशेष रूप से "COVID Vaccine Companies, Electric Car Companies, and Big Tech Companies  कोविड वैक्सीन कंपनियाँ, इलेक्ट्रिक कार कंपनियाँ, और बड़ी टेक कंपनियाँ) का जिक्र किया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल उठाया कि जब उनके खिलाफ विभिन्न आरोपों में कई मुक़दमे चलाए जा रहे हैं, तो इन नेताओं के खिलाफ समान आरोपों पर अभियोजन क्यों नहीं चलाया जा रहा है? उन्होंने कहा, "ये वे लोग हैं जिन्हें 'मुक़दमा' क्यों नहीं चलाया जा रहा है?" ट्रंप का इशारा यह है कि अमेरिकी न्याय प्रणाली दोहरे मापदंड अपना रही है उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है, जबकि उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इसी तरह के या इससे भी बड़े आरोप नजरअंदाज किए जाते हैं।

ट्रंप ने इन भुगतानों को भ्रष्टाचार से बनाया गया पैसा करार दिया है। उनका तर्क है कि जब कोई सार्वजनिक पद पर बैठा व्यक्ति किसी खास उत्पाद या कंपनी का बार-बार उल्लेख करता है और बदले में गोपनीय भुगतान लेता है, तो यह 'मुफ्त विज्ञापन' नहीं बल्कि 'भ्रष्टाचार' की श्रेणी में आता है। अमेरिका में राजनीतिक अभियानों और नेताओं के वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम हैं, और ऐसे किसी भी आरोप की गहन जांच होना आवश्यक है।

डोनाल्ड ट्रंप के ये आरोप ऐसे समय में आए हैं जब अमेरिका में अगला राष्ट्रपति चुनाव करीब है। ट्रंप खुद एक बार फिर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की दौड़ में हैं और उनके ऐसे बयान उनके प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने और खुद को 'भ्रष्टाचार विरोधी' नेता के रूप में पेश करने की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर अमेरिकी न्याय विभाग और संबंधित राजनेता क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इन दावों की कोई आधिकारिक जांच शुरू की जाएगी।

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