Traditional Indian food : सेहत का नया अड्डा, स्वाद और स्वास्थ्य का संगम हैं भारत के मिलेट कैफे
News India Live, Digital Desk: Traditional Indian food : पिज़्ज़ा, बर्गर और पास्ता के इस दौर में अगर आपसे कहा जाए कि ज्वार, बाजरा और रागी से बना खाना अब 'कूल' हो गया है, तो शायद आपको यकीन न हो. लेकिन यह सच है. भारत के खान-पान के परिदृश्य में एक खामोश क्रांति हो रही है, जिसका नाम है - मिलेट कैफे (Millet Cafes). ये सिर्फ रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि सेहत के वो नए अड्डे हैं जहां दादी-नानी के जमाने के मोटे अनाज यानी मिलेट्स को एक मॉडर्न और स्वादिष्ट ट्विस्ट के साथ परोसा जा रहा है.
कभी गरीबों का भोजन कहे जाने वाले ज्वार, बाजरा और रागी जैसे अनाज आज 'सुपर ग्रेन्स' के रूप में वापसी कर रहे हैं. और इस वापसी के हीरो हैं ये मिलेट कैफे, जो यह साबित कर रहे हैं कि सेहतमंद खाना बोरिंग नहीं, बल्कि बेहद लजीज हो सकता है.
क्यों खास हैं मिलेट्स?
इससे पहले कि हम इन कैफे के मेन्यू की दुनिया में खो जाएं, यह जानना जरूरी है कि आखिर ये मिलेट्स इतने खास क्यों हैं.
- पोषण का पावरहाउस: मिलेट्स में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं. रागी कैल्शियम का खजाना है तो बाजरा और ज्वार आयरन और जिंक से भरपूर हैं, जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं.
- पेट के लिए वरदान: इनमें फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होता है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है.
- डायबिटीज फ्रेंडली: मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यानी ये खून में शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है.
- ग्लूटेन-फ्री: ये अनाज प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होते हैं, जो इन्हें उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है जिन्हें गेहूं से एलर्जी है.
मेनू ऐसा कि मुंह में आ जाए पानी
अब भूल जाइए मिलेट्स से बनी बोरिंग खिचड़ी या रोटी. भारत के ये नए मिलेट कैफे इनोवेशन की एक नई कहानी लिख रहे हैं. यहां आपको वो सब कुछ मिलेगा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते:
- नाश्ते में: रागी के डोसे और इडली, बाजरे का स्वादिष्ट पेनकेक्स और चीला.
- लंच और डिनर में: ज्वार से बना पास्ता, बाजरे की खिचड़ी का रिसोट्टो, मिलेट नूडल्स और यहां तक कि मिलेट पिज्जा भी.
- स्नैक्स और डेजर्ट: मिलेट से बने मोमोज, रागी के लड्डू, कुकीज और केक आपके स्वाद को एक नया और सेहतमंद अनुभव देंगे.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से लेकर केरल के तिरुवनंतपुरम तक और दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में भी, अब ऐसे कैफे और रेस्टोरेंट खुल रहे हैं जो पूरी तरह से मिलेट्स को समर्पित हैं. ये कैफे सिर्फ खाना नहीं परोस रहे, बल्कि एक जीवनशैली को बढ़ावा दे रहे हैं. वे हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने और यह याद दिलाने का काम कर रहे हैं कि हमारे पारंपरिक अनाज कितने शक्तिशाली और स्वास्थ्यवर्धक हैं.
तो अगली बार जब आप कुछ हेल्दी और टेस्टी खाने का मन बनाएं, तो किसी फैंसी विदेशी डिश की जगह, अपने शहर के किसी मिलेट कैफे में जाकर देखें. यकीन मानिए, वहां का खाना चखने के बाद आप भी इन 'सुपर ग्रेन्स' के दीवाने हो जाएंगे.
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