Aaj Ka Panchang 4 November 2025: आज हरिहर मिलन का दुर्लभ दिन, जानिए मंगलवार का शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल
News India Live, Digital Desk: Aaj Ka Panchang, 4 November 2025: हर दिन अपने आप में खास होता है, लेकिन जब तिथियों, नक्षत्रों और योगों का विशेष संयोग बनता है, तो कुछ दिन बेहद शुभ और शक्तिशाली हो जाते हैं। 4 नवंबर 2025, मंगलवार का दिन भी एक ऐसा ही दुर्लभ दिन है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जिसे वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। यह साल का एकमात्र ऐसा दिन है जब भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) की एक साथ पूजा की जाती है, इसलिए इसे 'हरिहर मिलन' का महापर्व भी कहते हैं।
अगर आप आज कोई नया काम, पूजा-पाठ या यात्रा शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो दिन की शुरुआत से पहले आज का पंचांग जानना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं 4 नवंबर 2025 का विस्तृत पंचांग, जिसमें शामिल है शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिन की पूरी जानकारी।
आज का पंचांग (4 नवंबर 2025, मंगलवार)
- तिथि (Tithi): चतुर्दशी - रात 10:36 बजे तक, उसके बाद पूर्णिमा
- नक्षत्र (Nakshatra): अश्विनी
- पक्ष (Paksha): शुक्ल पक्ष
- मास (Month): कार्तिक
- योग (Yoga): वज्र
- करण (Karana): गर - सुबह 09:25 बजे तक, उसके बाद वणिज - रात 10:36 बजे तक
सूर्य एवं चन्द्र गणना
- सूर्योदय (Sunrise): सुबह 06:17 बजे
- सूर्यास्त (Sunset): शाम 05:43 बजे
- चंद्रोदय (Moonrise): शाम 05:07 बजे
- चन्द्रास्त (Moonset): सुबह 05:40 बजे (5 नवंबर)
- सूर्य राशि (Sun Sign): तुला
- चंद्र राशि (Moon Sign): मेष
आज के शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:32 बजे से सुबह 05:25 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:08 बजे से दोपहर 02:57 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:43 बजे से शाम 06:10 बजे तक
आज के अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings)
- राहुकाल (Rahu Kaal): दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक (इस समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें)
- यमगंड (Yamagandam): सुबह 09:00 बजे से सुबह 10:30 बजे तक
- गुलिक काल (Gulik Kaal): दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक
- दुर्मुहूर्त: सुबह 08:49 बजे से सुबह 09:38 बजे तक, फिर रात 11:06 बजे से रात 11:57 बजे तक
विशेष: क्या आज भद्रा है?
हां, आज भद्रा का साया है, जो सुबह 09:25 बजे से शुरू होकर रात 10:36 बजे तक रहेगा। हालांकि, इसका वास स्वर्ग लोक में है, इसलिए पृथ्वी पर इसका कोई अशुभ प्रभाव नहीं माना जाएगा।
आज का दिन वैकुंठ चतुर्दशी के दुर्लभ संयोग के कारण पूजा-पाठ, दान-धर्म और आध्यात्मिक कार्यों के लिए अत्यंत श्रेष्ठ है। किसी भी नए काम की शुरुआत शुभ मुहूर्त में करने से सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
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