इस नवरात्रि बन रहा है 100 साल में एक बार वाला संयोग, घटस्थापना करते ही खुल जाएंगे किस्मत के ताले!
सालभर के इंतजार के बाद, मां दुर्गा के भक्तों के लिए सबसे बड़ा पर्व शारदीय नवरात्रि बस आने ही वाला है। यह नौ दिन सिर्फ व्रत और उपासना के नहीं होते, बल्कि यह वो समय होता है जब मां दुर्गा खुद धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के सारे दुख हर लेती हैं। इस साल की नवरात्रि तो और भी ज्यादा खास होने वाली है क्योंकि इस बार ग्रहों और नक्षत्रों का एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है जो सालों में एक बार देखने को मिलता है।
जो लोग लंबे समय से अपनी किस्मत के चमकने का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए यह नवरात्रि वरदान साबित हो सकती है।
क्यों है इस बार की नवरात्रि इतनी खास?
इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर 2025, सोमवार के दिन से हो रही है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, इस दिन 'सर्वार्थ सिद्धि योग' और 'ब्रह्म योग' का महासंयोग बन रहा है। ये दोनों ही योग इतने शुभ माने जाते हैं कि इनमें किया गया कोई भी काम कभी असफल नहीं होता और उसका कई गुना फल मिलता है।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: इसका मतलब है- सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला योग। इस योग में की गई पूजा-पाठ या घटस्थापना से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
- ब्रह्म योग: इस योग को शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसमें पूजा करने से जीवन में चल रहे सारे क्लेश खत्म होते हैं और घर में सुख-शांति आती है।
इन दोनों शुभ योगों के एक साथ पड़ने से इस बार की घटस्थापना (कलश स्थापना) का महत्व सौ गुना बढ़ गया है। माना जा रहा है कि इस मुहूर्त में जो भी भक्त सच्चे मन से कलश की स्थापना करेगा, उसके जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियां दूर हो जाएंगी और बंद किस्मत के दरवाजे खुल जाएंगे।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?
- शारदीय नवरात्रि प्रारंभ: 29 सितंबर 2025, सोमवार
- घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक।
यह वह शुभ घड़ी होगी जब आप अपने घर में कलश की स्थापना करके मां दुर्गा का आह्वान कर सकते हैं। इस मुहूर्त में की गई पूजा से घर में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होगा। तो इस सुनहरे मौके को हाथ से न जाने दें और पूरी श्रद्धा के साथ मां की भक्ति में डूबने के लिए तैयार हो जाएं।
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