हार्ट अटैक की जड़ हैं ये 5 आदतें, 90% लोग जानबूझकर करते हैं गलती

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दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण दिल का दौरा है। हालांकि माना जाता है कि मांसाहारी या मसालेदार भोजन के कारण यह बीमारी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, लेकिन एक शोध में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसमें बताया गया है कि गलत खानपान नहीं, बल्कि गलत जीवनशैली और आदतें इस जानलेवा बीमारी की जड़ बन रही हैं। 

विशेषज्ञों का कहना है कि हम जो कुछ रोज़ाना खाते हैं, वे धीरे-धीरे हमारे शरीर से नाइट्रिक ऑक्साइड नामक एक ज़रूरी अणु को कम कर रहे हैं। यह अणु रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने और हृदय की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और लेखक डॉ. एरिक बर्ग के अनुसार, अगर शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर कम होने लगे, तो हृदय रोग का ख़तरा बढ़ जाता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड एक ऐसा पदार्थ है जो रक्त वाहिकाओं को आराम पहुँचाता है, रक्त संचार में सुधार करता है और धमनियों में प्लाक जमने से रोकता है। बेशक, जब शरीर में इसका स्तर कम हो जाता है, तो रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानें कि कौन से खाद्य पदार्थ इस अणु को कम कर सकते हैं।

चीनी

नाइट्रिक ऑक्साइड का सबसे बड़ा दुश्मन रिफाइंड चीनी है। यह शीतल पेय, मिठाइयों, सॉस, अनाज और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। रिफाइंड चीनी रक्त शर्करा के स्तर को तेज़ी से बढ़ाती है और रक्त वाहिकाओं में सूजन पैदा करती है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाती है और नाइट्रिक ऑक्साइड को कम करती है। लंबे समय में, यह इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है और रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुँचाती है।

आटा

सफेद आटे से बने खाद्य पदार्थ, जैसे ब्रेड, बिस्कुट और पेस्ट्री, शरीर में शर्करा में परिवर्तित हो जाते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को तेज़ी से बढ़ाते हैं। ये सूजन और चयापचय तनाव को बढ़ाते हैं। इससे रक्त वाहिकाओं पर असर पड़ता है और नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर कम हो जाता है।

हृदय रोग का खतरा क्यों बढ़ रहा है?

सोयाबीन तेल, मक्का तेल और सूरजमुखी तेल जैसे तेल
पैकेज्ड फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। इनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। गर्म करने पर ये तेल जल्दी टूट जाते हैं और विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करते हैं। लगातार उपयोग से रक्त वाहिकाएँ कमज़ोर हो जाती हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान
भी नाइट्रिक ऑक्साइड का एक बड़ा दुश्मन है। सिगरेट और वेपिंग दोनों ही शरीर से नाइट्रिक ऑक्साइड को तेज़ी से खत्म करते हैं। धूम्रपान रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुँचाता है, और इसमें मौजूद मुक्त कण नाइट्रिक ऑक्साइड को नष्ट कर देते हैं। धूम्रपान करने वालों के शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर काफी कम होता है और उन्हें हृदय रोग का खतरा ज़्यादा होता है।

जीवाणुरोधी माउथवॉश
कई माउथवॉश में ऐसे रसायन होते हैं जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को रोकते हैं। मुंह में कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो भोजन से नाइट्रिक ऑक्साइड बनाने में मदद करते हैं, लेकिन माउथवॉश उन्हें मार देता है। लंबे समय तक रोजाना इस्तेमाल करने से रक्तचाप बढ़ सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाने के लिए क्या करें?

नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाने के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी हैं। पालक, अरुगुला और केल जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, चुकंदर और उनका रस, लहसुन, प्याज, संतरे और नींबू जैसे खट्टे फल, अनार, आर्जिनिन से भरपूर मेवे और बीज, और कोको सहित डार्क चॉकलेट अपने आहार में शामिल करना बेहद फायदेमंद है। एरोबिक व्यायाम, पर्याप्त और अच्छी नींद लेना, धूप में समय बिताना, साँस लेने के व्यायाम, प्रकृति में टहलना या ध्यान लगाना जैसी तनाव कम करने वाली आदतें अपनाने से भी नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ सकता है।

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