Chhattisgarh : रेलवे स्टेशन पर गोलियों की तड़तड़ाहट से मचा हड़कंप, हेड कांस्टेबल का खूनी खेल देख कांप गए लोग

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News India Live, Digital Desk : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ (Raigarh) से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने खाकी वर्दी को शर्मसार कर दिया है। कहते हैं फौज और पुलिस में बैचमेट (Batchmate) का रिश्ता भाइयों से भी बढ़कर होता है, लेकिन यहां एक हेड कांस्टेबल ने गुस्से में आकर अपने ही बैचमेट और साथी के सीने पर सरकारी राइफल तान दी।

मंगलवार की सुबह रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर जो हुआ, उसे देखकर हर कोई सन्न है। जीआरपी (GRP) थाने में तैनात एक जवान ने अपने ही साथी की जान ले लिया।

क्या हुआ उस बदनसीब सुबह?

घटना रायगढ़ के जीआरपी बैरक की बताई जा रही है। आरोपी हेड कांस्टेबल नेपाल सिंह और मृतक संतोष कुर्रे एक ही साथ तैनात थे और अच्छे दोस्त माने जाते थे। दोनों हमउम्र थे और काफी समय से साथ में ड्यूटी कर रहे थे। खबरों के मुताबिक, दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गई।

शुरुआत में लगा कि यह दोस्तों के बीच की मामूली तकरार है, लेकिन देखते ही देखते हेड कांस्टेबल नेपाल सिंह का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उसे सही-गलत का होश नहीं रहा। उसने अपनी लोडेड सरकारी इनसास राइफल उठाई और अपने साथी संतोष कुर्रे पर फायर कर दिया।

एक गोली और सब ख़त्म...

फायरिंग की आवाज़ सुनते ही बैरक और आस-पास के इलाके में हड़कंप मच गया। गोली लगते ही हेड कांस्टेबल संतोष जमीन पर गिर पड़े। साथी जवानों ने दौड़कर उन्हें संभाला और तुरंत अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सोचिये उस परिवार पर क्या बीत रही होगी, जिसने सुबह अपने बेटे को ड्यूटी पर भेजा था, लेकिन अब उसकी पार्थिव देह वापस आएगी।

आखिर इतनी नफरत क्यों?

पुलिस महकमे में अब बस यही सवाल गूंज रहा है—आखिर वो कौन सी बात थी जिसने एक दोस्त को कातिल बना दिया? क्या यह काम के तनाव (Work Stress) का नतीजा है या कोई निजी दुश्मनी? फिलहाल पुलिस के आला अधिकारियों ने आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी राइफल जब्त कर ली गई है।

शुरुआती जांच में आपसी विवाद ही मुख्य वजह बताई जा रही है, लेकिन असल सच पूछताछ के बाद ही सामने आएगा। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे सुरक्षाबल किन मानसिक परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, जहाँ सबर का बांध टूटते ही वो अपने ही साथियों के दुश्मन बन जाते हैं।

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