सड़क पर कैमरा नहीं, अब फोन पर ठग काट रहे हैं आपका चालान जानिए फर्जी ई-चालान वेबसाइटों का ये खौफनाक सच
News India Live, Digital Desk : आजकल अगर हमारे फोन पर एक मैसेज आता है कि "आपकी गाड़ी का चालान कट गया है", तो हम घबरा जाते हैं। बिना ज़्यादा सोचे-समझे हम उस मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं ताकि जल्दी से फाइन भर सकें और कानूनी पचड़ों से बच सकें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी यही हड़बड़ी आपको सड़क से भी बड़े खतरे में डाल सकती है?
भारत में आजकल 'फर्जी ई-चालान वेबसाइट' (Fake e-Challan Websites) का एक बड़ा खेल चल रहा है। जालसाज हूबहू सरकारी वेबसाइट जैसा दिखने वाला पेज बना लेते हैं और भोले-भाले गाड़ी मालिकों को अपना शिकार बना रहे हैं।
कैसे बुना जाता है यह फरेब का जाल?
स्कैमर्स आपको एक ऐसा मैसेज भेजते हैं जो बिल्कुल वैसा ही लगता है जैसा परिवहन विभाग भेजता है। उसमें गाड़ी का नंबर, पेनल्टी की राशि और नीचे एक 'Payment Link' होता है। जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, आपके सामने सरकारी 'परिवहन सेवा' जैसी दिखने वाली साइट खुल जाती है।
असली खतरा यहाँ शुरू होता है जैसे ही आप वहाँ अपनी बैंकिंग डिटेल्स, डेबिट कार्ड नंबर या UPI पिन डालते हैं, आपका डेटा सीधे ठगों के पास पहुँच जाता है और कुछ ही पलों में आपकी मेहनत की कमाई उनके खाते में।
फर्जी और असली का अंतर कैसे पहचानें?
हजारों लोगों को लूटने वाली इन वेबसाइटों की पहचान करना बहुत मुश्किल नहीं है, बस थोड़ा सचेत रहने की ज़रूरत है:
- लिंक को ध्यान से देखें: सरकारी चालान की वेबसाइट हमेशा .gov.in पर खत्म होती है। अगर लिंक में .com, .net, .org या कुछ अजीब से अक्षर (जैसे bit.ly) लिखे हैं, तो समझ जाइए कि ये सौ टका फर्जी है।
- मैसेज भेजने वाला नंबर: आधिकारिक चालान के मैसेज हमेशा खास 'Service ID' से आते हैं, किसी सामान्य 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर से नहीं।
- पेमेंट गेटवे की जांच: सरकारी वेबसाइट कभी भी आपसे आनन-फानन में UPI पिन नहीं मांगेगी या कोई अजीब से निजी वॉलेट ऐप पर पेमेंट के लिए दबाव नहीं बनाएगी।
स्कैम से बचने का सबसे पक्का तरीका क्या है?
अगर आपको कभी ऐसा कोई मैसेज आता भी है, तो उस मैसेज के लिंक का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह खुद ब्राउज़र पर जाएं और आधिकारिक Parivahan e-Challan पोर्टल सर्च करें। अपनी गाड़ी का नंबर वहां डालकर देखें कि क्या वाकई कोई चालान कटा है या नहीं। इसके अलावा 'mParivahan' या 'NextGen mParivahan' सरकारी ऐप पर जाकर भी आप अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं।
आज के डिजिटल दौर में सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है। चालान भरें, लेकिन ठगों की झोली नहीं। अगर आपके किसी जानकार को ऐसा मैसेज आया है, तो उनके साथ भी ये जानकारी ज़रूर साझा करें।
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