The true color of Suhaag: घर पर बनाएं पूरी तरह रसायन-मुक्त और प्राकृतिक सिंदूर

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News India Live, Digital Desk: हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं के लिए सिंदूर केवल एक शृंगार सामग्री नहीं, बल्कि पति के सौभाग्य, प्यार और आस्था का पवित्र प्रतीक है। अपनी माँग में सिंदूर भरना भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। लेकिन, बाज़ार में मिलने वाले सिंदूर में अक्सर ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। ये रसायन त्वचा की समस्याओं से लेकर बालों के झड़ने और एलर्जी तक का कारण बन सकते हैं। सौभाग्य से, घर की रसोई में मौजूद कुछ आसान चीज़ों से आप पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित सिंदूर बना सकती हैं, जो आपकी त्वचा के लिए भी कोमल होगा और आपकी आस्था को भी पवित्रता से जोड़ेगा।

बाजार में बिकने वाले ज़्यादातर सिंदूर में लेड ऑक्साइड, मर्करी सल्फाइड, और सिनाबार जैसे भारी रसायनों का इस्तेमाल होता है। ये रासायनिक तत्व अक्सर लाल रंग के लिए प्रयोग किए जाते हैं, और इनके लगातार संपर्क से त्वचा में खुजली, रैशेस, पिगमेंटेशन और गंभीर एलर्जी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। कई मामलों में तो बालों के झड़ने और स्किन पर इरिटेशन की शिकायतें भी सामने आती हैं। ऐसे में, अपने हाथों से प्राकृतिक सिंदूर बनाना एक बेहतरीन और स्वास्थ्य-सुरक्षित विकल्प बन जाता है। यह न सिर्फ आपकी सेहत को सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह पारंपरिक तरीक़ा पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।

इस पवित्र और रसायन-मुक्त सामग्री को बनाने के लिए आपको अपनी रसोई में ही रखी कुछ साधारण और पवित्र चीजें चाहिए। इसकी मुख्य सामग्री है हल्दी, जिसे भारतीय पूजा-पाठ में बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। आपको अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी हल्दी की गाँठ या पिसी हुई शुद्ध हल्दी की ज़रूरत होगी। अब इस हल्दी में एक चुटकी 'चूना' मिलाएँ, जिसे खाने वाला चूना भी कहा जाता है। जैसे ही चूना हल्दी के संपर्क में आएगा, आप देखेंगे कि हल्दी का पीला रंग धीरे-धीरे बदलकर एक सुंदर लाल या सिंदूरी रंग लेने लगेगा। यही वह प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो आपके सिंदूर को उसका शुभ रंग प्रदान करती है।

इस मिश्रण में धीरे-धीरे एक गाढ़ा और चिकना पेस्ट बनाने के लिए थोड़ा सा देसी घी या कोई भी प्राकृतिक तेल, जैसे बादाम या नारियल का तेल, मिलाएँ। तेल की मात्रा इतनी रखें कि पेस्ट न तो बहुत पतला हो और न ही बहुत गाढ़ा, बल्कि इतना smooth हो कि इसे आसानी से माँग में भरा जा सके। यदि आप अधिक गहरा, जैसे कि मेहरून रंग का सिंदूर चाहती हैं, तो इस प्राकृतिक पेस्ट में बहुत थोड़ी मात्रा में घर पर बना शुद्ध काजल मिलाया जा सकता है। इससे रंग गहरा हो जाएगा और सिंदूर का प्रभाव भी वैसा ही बना रहेगा।

आपका घर का बना शुद्ध और प्राकृतिक सिंदूर अब तैयार है। इसे आप एक छोटी, हवा-बंद डिब्बी में स्टोर कर सकती हैं। यह सूख जाने पर थोड़ा सख़्त हो सकता है, लेकिन उपयोग से पहले इसमें हल्का सा तेल मिलाकर फिर से आसानी से पेस्ट बनाया जा सकता है। इस प्रकार तैयार किया गया सिंदूर न केवल आपकी आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि आपकी सेहत की भी पूरी सुरक्षा करेगा और आपको बाज़ारू उत्पादों में मौजूद हानिकारक तत्वों से मुक्ति दिलाएगा। अपने हाथों से बने इस सिंदूर को लगाकर आप वाकई शुद्धता और सौभाग्य का अनुभव करेंगी, जो पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक जागरूकता का अद्भुत मेल है।

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