देश में मानसून पर्यटन का चलन, युवाओं में बढ़ रहा है रेनस्केप का क्रेज

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मानसून पर्यटन: इस साल गर्मियों की छुट्टियां पर्यटन के लिहाज से धीमी रहीं। लेकिन अब लोग बारिश के मौसम में खूब घूमने निकल रहे हैं। ट्रैवल पोर्टल्स के आंकड़े बताते हैं कि इस मानसून सीजन में ट्रैवल बुकिंग में अच्छी उछाल आई है। एक समय मानसून को पर्यटन के लिए ऑफ-सीजन माना जाता था। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। सीमा पर तनाव और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण कई लोगों ने अपनी गर्मियों की छुट्टियां टाल दी थीं, अब वही लंबित मांग इस मानसून ट्रैवल सीजन के लिए बुकिंग बढ़ा रही है।

ट्रेंड्स के मुताबिक, 24 से 30 साल के युवा, खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों से, सबसे ज़्यादा यात्रा कर रहे हैं। जेनरेशन Z और मिलेनियल्स अब 2-3 दिन के छोटे ब्रेक में बारिश का आनंद लेने के लिए बाहर निकल रहे हैं। इक्सिगो के अनुसार, इस मानसून में पोर्ट ब्लेयर, तिरुपति, उदयपुर, कोयंबटूर और देहरादून जैसे उभरते गंतव्यों के लिए फ्लाइट बुकिंग में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। बारिश के मौसम में लोग मुन्नार के चाय के बागानों और कूर्ग के बादलों से सराबोर कॉफ़ी बागानों का आनंद लेना चाहते हैं। कई लोग मेघालय और सिक्किम भी जा रहे हैं। श्रावण के कारण उज्जैन, वाराणसी, बैजनाथ धाम जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भीड़ उमड़ रही है।

इस बार मानसून पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोवा सरकार ने 'झरना प्रतिबंध' हटा लिया है। कर्नाटक सरकार भी अगस्त के अंत तक झरनों के लिए विशेष टूर पैकेज शुरू करने जा रही है। इस बार ट्रैवल ट्रेंड में रेनस्केप शब्द काफ़ी लोकप्रिय है, जिसका अर्थ है बारिश से बचने के बजाय उसका आनंद लेने के लिए पर्यटन।

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