The scary Truth of Technology: AI 6 महीने में खत्म कर देगा कौन सा प्रोफेशन

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News India Live, Digital Desk: The scary Truth of Technology:  आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है, और इसके प्रभाव से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। जहाँ एक ओर AI नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ व्यवसायों के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी बनता जा रहा है। इसी सिलसिले में एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है जिसने टेक इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। मशहूर AI सर्च इंजन Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने भविष्यवाणी की है कि सिर्फ छह महीने के भीतर एक पूरा पेशा खत्म होने की कगार पर आ जाएगा।

अरविंद श्रीनिवास ने अपने एक बयान में स्पष्ट किया कि आने वाले 6 महीनों में पारंपरिक वेब सर्च से जुड़ा वह पेशा पूरी तरह से 'खत्म' हो जाएगा, जहाँ लोग 'गूगल पर खोज' (Googling) से पैसे कमाते थे। उनके अनुसार, यह स्थिति इतनी तेज़ी से बदल रही है कि अब पुरानी किस्म के वेब कंटेंट और SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) से जुड़े लोगों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि "वेब सर्च मर चुका है।" यह वाकई एक बहुत बड़ा और चिंताजनक दावा है, खासकर उन लाखों लोगों के लिए जो डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग और सर्च ऑप्टिमाइजेशन के क्षेत्र से जुड़े हैं।

श्रीनिवास का मानना है कि पारंपरिक सर्च इंजन, जैसे कि गूगल, सिर्फ लिंक की एक लंबी लिस्ट दिखाते हैं। उपयोगकर्ता को अपनी ज़रूरत की जानकारी के लिए कई लिंक पर क्लिक करके देखना पड़ता है, जिसमें अक्सर समय और ऊर्जा दोनों व्यर्थ होते हैं, और कई बार सही जानकारी तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि 'गूगल करना' या किसी विषय को सर्च करना, एक समय लेने वाली और अक्सर भ्रमित करने वाली प्रक्रिया बन गई थी।

इसके विपरीत, Perplexity AI और इस जैसी अन्य नई AI सर्च टेक्नोलॉजी एक अलग तरीका अपनाती हैं। ये सीधे आपके प्रश्न का सटीक और संक्षिप्त उत्तर प्रस्तुत करती हैं, बिल्कुल एक अनुभवी इंसान की तरह। इतना ही नहीं, ये अपने जवाबों के लिए सोर्स भी दिखाती हैं, जिससे आप जानकारी की प्रामाणिकता की जांच कर सकें। इस मॉडल में आपको दर्जनों लिंक खंगालने की ज़रूरत नहीं पड़ती; आपका समय बचता है और आप तुरंत अपने जवाब तक पहुँच जाते हैं। जब उपयोगकर्ता को एक ही क्लिक में पूरा जवाब मिल जाए, तो वह उन वेबसाइटों पर क्यों जाएगा जो सिर्फ विज्ञापन और पुराने ढर्रे का कंटेंट दिखाती हैं?

यही बात मौजूदा 'क्लिक-आधारित' अर्थव्यवस्था पर भी असर डालेगी। जब लोग वेबसाइटों पर कम जाएंगे, तो उन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों से होने वाली आय भी कम हो जाएगी। अरविंद श्रीनिवास के दावे के पीछे का मूल कारण यही है: जिस मॉडल पर दशकों से वेब कंटेंट और SEO का व्यवसाय फल-फूल रहा था, AI की सीधी प्रतिक्रिया देने की क्षमता उसे ध्वस्त कर रही है। Google के Gemini और OpenAI के ChatGPT जैसे अन्य बड़े AI मॉडल्स भी अब सीधे उत्तर देना शुरू कर चुके हैं, जो इस ट्रेंड को और मजबूत करता है।

संक्षेप में, यह दावा एक ऐसे बड़े बदलाव का संकेत देता है जो इंटरनेट पर जानकारी खोजने और उसे उपभोग करने के हमारे तरीके को पूरी तरह से बदल देगा। इससे उन व्यवसायों को खुद को अनुकूलित करना होगा जो पारंपरिक सर्च इंजन के आसपास विकसित हुए थे, अन्यथा उन्हें लुप्त होने के इस डर का सामना करना पड़ सकता है। यह चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर है, लेकिन यह निश्चित है कि भविष्य की डिजिटल दुनिया बहुत अलग होगी।

 

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