इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सालों का सूखा खत्म! 357 नए टीचरों की भर्ती, पर PhD में एडमिशन का नियम पूरी तरह बदला
"पूरब का ऑक्सफोर्ड" कही जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एक बार फिर से अपनी पुरानी अकादमिक रौनक पाने की राह पर है। सालों से शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में अब एक नई जान फूँकी जा रही है। एक तरफ जहाँ सैकड़ों नए शिक्षकों की भर्ती से क्लासरूम गुलजार होने वाले हैं, वहीं दूसरी तरफ PhD में एडमिशन के नियमों में एक ऐसा बड़ा बदलाव कर दिया गया है, जो हज़ारों छात्रों के भविष्य पर सीधा असर डालेगा।
तो चलिए, जानते हैं कि यूनिवर्सिटी में क्या कुछ नया और बड़ा हो रहा है।
अब क्लासरूम में नहीं रहेगी शिक्षकों की कमी
यह यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है। सालों से चल रही शिक्षकों की कमी अब आखिरकार खत्म होने जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाल ही में 357 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली है और उन्हें नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए हैं।
इसका सीधा मतलब है कि अब छात्रों को बेहतर पढ़ाई, समय पर कक्षाएं और रिसर्च के लिए सही मार्गदर्शन मिलेगा। यह फैसला यूनिवर्सिटी के अकादमिक माहौल के लिए किसी ताज़ी हवा के झोंके से कम नहीं है।
सबसे बड़ा बदलाव: अब PhD में CRET से नहीं, NET Score से मिलेगा एडमिशन
यह खबर उन सभी छात्रों के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है जो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से PhD करने का सपना देखते हैं। अब तक, PhD में एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा CRET (Combined Research Entrance Test) कराती थी।
लेकिन, अब इस पूरी व्यवस्था को बदल दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत, अब CRET की परीक्षा नहीं होगी। इसकी जगह, अब UGC NET के स्कोरके आधार पर ही PhD में एडमिशन के लिए छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
तो इसका मतलब क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो, अब PhD की दौड़ में शामिल होने के लिए आपके पास UGC NET की परीक्षा पास होना और उसमें एक अच्छा स्कोर लाना अनिवार्य होगा।
- अगला कदम: इस लिस्ट में चुने गए छात्रों को सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
- अंतिम चयन: इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर फाइनल एडमिशन दिया जाएगा।
इस फैसले को लेकर छात्रों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ का मानना है कि इससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी और देशभर से बेस्ट टैलेंट यूनिवर्सिटी में आएगा, जबकि कुछ छात्र यूनिवर्सिटी की अपनी प्रवेश परीक्षा (CRET) को खत्म करने से निराश हैं।
कुल मिलाकर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बदलाव की एक बड़ी लहर आई है, जो आने वाले समय में यहाँ की पढ़ाई-लिखाई और रिसर्च की पूरी तस्वीर को बदलने वाली है।
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