एक सरकारी नौकरी की कीमत 35 लाख, तमिलनाडु में कैश फॉर जॉब घोटाले से मचा हड़कंप, ED ने पुलिस को किया अलर्ट
News India Live, Digital Desk: देश में सरकारी नौकरी को लेकर युवाओं के बीच किस कदर दीवानगी है, यह किसी से छिपा नहीं है. लेकिन इसी दीवानगी का फायदा उठाकर तमिलनाडु में एक ऐसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया, जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु में एक बड़े 'कैश फॉर जॉब' यानी 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले का पता लगाया है, जिसमें एक-एक सरकारी पद के लिए 25 से 35 लाख रुपये तक की रिश्वत ली गई.
यह खुलासा इतना बड़ा और गंभीर है कि ईडी ने इस मामले में राज्य की पुलिस को एक विस्तृत पत्र लिखकर तुरंत आपराधिक जांच शुरू करने के लिए कहा है.
क्या है यह पूरा मामला?
यह घोटाला तमिलनाडु के नगर प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग (MAWS) में हुई भर्तियों से जुड़ा है. ईडी का आरोप है कि इस विभाग में सहायक इंजीनियर, टाउन प्लानिंग ऑफिसर और जूनियर इंजीनियर समेत 2,538 पदों पर हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली और रिश्वतखोरी हुई. हैरानी की बात यह है कि 2024 में शुरू हुई इस भर्ती प्रक्रिया के लिए 1.12 लाख लोगों ने आवेदन किया था, और इसके नियुक्ति पत्र इसी साल अगस्त में खुद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बांटे थे.
ED ने कैसे किया इस घोटाले का पर्दाफाश?
ईडी एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुछ जगहों पर छापेमारी कर रही थी, जब उसके हाथ इस घोटाले से जुड़े कुछ अहम सबूत लग गए. इन्हीं सबूतों के आधार पर ईडी ने जांच आगे बढ़ाई.
ED के पत्र में किए गए मुख्य खुलासे:
- ऊंचे दामों पर बिकी नौकरियां: ईडी ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि ताकतवर राजनेताओं और उनके करीबियों ने हर उम्मीदवार से पद के हिसाब से 25 से 35 लाख रुपये तक वसूले.
- परीक्षा में की गई धांधली: यह परीक्षा राज्य की प्रतिष्ठित अन्ना यूनिवर्सिटी (Anna University) द्वारा आयोजित की गई थी. ईडी ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की है. आरोप है कि परीक्षा में धांधली करके कम-से-कम 150 उम्मीदवारों को गलत तरीके से पास करवाया गया.
- पुलिस को सौंपा 232 पन्नों का डोजियर: ईडी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तमिलनाडु पुलिस को 200 से ज़्यादा पन्नों का एक विस्तृत डोजियर भी सौंपा है. इस डोजियर में कथित घोटाले में शामिल लोगों के नाम, उनकी भूमिका, रिश्वत के लेनदेन का तरीका और उन 150 उम्मीदवारों की पूरी जानकारी शामिल है, जिनके पक्ष में नतीजे जारी किए गए थे.
सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि, जब नगर प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग (MAWS) के सचिव से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ईडी से ऐसा कोई भी पत्र मिलने की जानकारी से इनकार किया. उन्होंने दावा किया कि सभी नियुक्तियां बिना किसी अनियमितता के की गई हैं.
यह मामला तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा तूफान ला सकता है. अगर ईडी द्वारा लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो यह राज्य के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में से एक होगा, जिसकी आंच सरकार के ऊंचे पदों पर बैठे लोगों तक भी पहुंच सकती है.
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