बदायूं की बदलने वाली है तस्वीर, गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा मिनी नोएडा, हजारों नौकरियां और जमीन के दाम आसमान पर!

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बदायूं वालों के लिए एक ऐसी खबर आई है जो जिले की किस्मत बदलने वाली है। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे अब एक नया औद्योगिक गलियारा (Industrial Corridor) बनने जा रहा है, जिसका काम भी शुरू हो गया है। यह कोई छोटा-मोटा प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि एक ऐसा कदम है जिससे बदायूं के विकास को पंख लग जाएंगे और यह इलाका आने वाले समय में एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में जाना जाएगा।

कहां बस रहा है यह नया औद्योगिक शहर?

यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बदायूं के दो खास इलाकों, बिनावर और दातागंज, में तैयार किया जा रहा है। इसके लिए जमीन लेने का काम भी पूरा हो चुका है। बिनावर में लगभग 1600 बीघा और दातागंज में करीब 1000 बीघा जमीन इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई है। अब यहां तेजी से फैक्ट्रियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का काम शुरू हो गया है।

200 कंपनियां, 50,000 नौकरियां: खुलेंगे तरक्की के रास्ते

रिपोर्ट्स की मानें तो यह औद्योगिक गलियारा अपने साथ तरक्की का खजाना लेकर आ रहा है। यहां करीब 200 छोटी-बड़ी कंपनियांअपनी फैक्ट्रियां लगाएंगी। इससे न सिर्फ जिले के कारोबार को एक नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 50,000 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे। अब यहां के युवाओं को नौकरी के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

हस्तशिल्प और मेंथा कारोबार को मिलेगा नया आसमान

बदायूं जिला अपने हस्तशिल्प और मेंथा (पुदीना) के कारोबार के लिए मशहूर है। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने से इन पारंपरिक कारोबारों को भी बहुत फायदा मिलेगा। जब देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां अपने प्लांट लगाएंगी, तो यहां के लोकल उत्पादों को एक बड़ा बाजार मिलेगा और दुनिया भर में बदायूं की पहचान और मजबूत होगी।

जमीन बन गई 'सोना', रातों-रात लखपति हुए किसान

इस प्रोजेक्ट की घोषणा होते ही यहां की जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। जो जमीन पहले 2 लाख रुपये बीघा में भी कोई नहीं पूछता था, आज उसकी कीमत 8 लाख रुपये प्रति बीघातक पहुंच गई है। जिन किसानों की जमीन इस प्रोजेक्ट में आ गई, उन्हें तो अच्छा मुआवजा मिला ही, लेकिन जिनकी जमीन अधिग्रहण से बच गई है, उनकी तो सचमुच चांदी हो गई है। कई लोग अपनी जमीन को मुंहमांगे दामों पर बेचकर लखपति बन रहे हैं।

स्थानीय उद्यमियों को इस कॉरिडोर में पहली प्राथमिकता दी जाएगी, जिसके बाद दूसरे जिलों के उद्यमियों को मौका मिलेगा। कुल मिलाकर, यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक औद्योगिक क्षेत्र नहीं, बल्कि बदायूं के सुनहरे भविष्य की गारंटी बनने जा रहा है।

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