UP में 9 जिलों के गांवों की किस्मत बदलने आ रहा है नया एक्सप्रेसवे, किसानों को मिलेंगे करोड़ों
उत्तर प्रदेश का नया प्रस्तावित एक्सप्रेसवे राज्य की सड़कों की तस्वीर ही बदल देगा। लगभग ₹15,000 करोड़ की लागत से बनने वाला ये सुपरफास्ट हाईवे पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद से शुरू होकर चित्रकूट तक जाने वाले 9 जिलों और हजारों गांवों को जोड़ेगा। सरकार की मंशा साफ है—राज्य के हर कोने को हाई-स्पीड कनेक्टिविटी देकर यात्रा, व्यापार, रोजगार और विकास को नई उड़ान देना।
कौन-कौन से जिले जुड़ेंगे?
यह एक्सप्रेसवे निम्नलिखित जिलों और उनके सैकड़ों-हजारों गांवों से होकर गुजरेगा:
गाजियाबाद
बुलंदशहर
अलीगढ़
एटा
फर्रुखाबाद
कन्नौज
कानपुर देहात
बांदा
चित्रकूट
इधर से इन जिलों की हजारों बस्तियां सीधे हाई-स्पीड नेटवर्क पर आ जाएंगी और ट्रांसपोर्ट की दिशा बदल जाएगी।
रूट और दूरी, तकनीकी खूबियां
कुल लंबाई: लगभग 350–400 किमी
शुरुआत: गाजियाबाद
अंत: चित्रकूट
सड़क चौड़ाई: 6 लेन (फ्यूचर में 8 लेन तक विस्तार संभव)
मोर्डन टेक्नोलॉजी: डिजिटल सिस्टम, ई-टोल, फास्टैग आधारित स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल
लागत, अधिग्रहण और इन्फ्रास्ट्रक्चर
अनुमानित लागत: ₹15,000 करोड़+
जमीन अधिग्रहण: बड़े पैमाने पर ज़मीन ली जाएगी
सुविधाएं: सड़क, फ्लाईओवर, इंटरचेंज, पुल, ग्रीन बेल्ट, EV चार्जिंग हब आदि
किसानों की लॉटरी लगना तय!
किसानों को मुआवजा बाज़ार दर से 3-4 गुना तक मिलेगा। कुछ इलाकों में मुआवजा ₹1 करोड़ प्रति बीघा तक जा सकता है। इससे गांवों के लोगों को आर्थिक आजादी और अच्छे रिहायशी व बिजनेस विकल्प मिलेंगे।
गांवों में स्मार्ट विकास
एक्सप्रेसवे के आसपास बसे गांवों को अनेक फायदे मिलेंगे:
बेहतर सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट की सुविधा
पेट्रोल पंप, मोटल, ढाबा, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स सेंटर खुलेंगे
नौकरी और व्यापार के कई नए मौके
स्कूल, क्लीनिक, मार्केट एरिया जैसी सुविधाएं विकसित होंगी
कारोबार और लॉजिस्टिक्स को मिलेगा जबरदस्त बूस्ट
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल-बुंदेलखंड क्षेत्र के पिछड़े इलाकों को सीधे दिल्ली-NCR से जोड़ेगा। किसानों, लघु उद्योगों और व्यापारियों को ट्रांसपोर्ट, कृषि व्यापार और लॉजिस्टिक्स में सीधा फायदा होगा। इससे इंटरनल कमर्शियल ट्रैफिक में ज़बरदस्त बढ़ोतरी होगी।
कब से शुरू होगा काम?
भूमि अधिग्रहण: 2025 के मध्य तक पूरा करने की प्लानिंग
निर्माण कार्य: 2026 की शुरुआत से
पूरा प्रोजेक्ट: लगभग 3 साल में, यानी 2029 तक
क्यों है ये प्रोजेक्ट स्पेशल?
यूपी के हजारों गांवों में पहली बार फास्ट इंटरसिटी कनेक्टिविटी
किसानों को बड़ा मुआवजा
स्थानीय लोगों को रोजगार और बिजनेस के मौके
शिक्षा, स्वास्थ्य, मार्केटिंग की नई संभावनाएं
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