The great festival of Shiva Devotion: सावन सोमवार की सम्पूर्ण विधि एवं पावन कथा

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News India Live, Digital Desk: The great festival of Shiva Devotion:  सावन सोमवार की सम्पूर्ण विधि एवं पावन कथा हिन्दू धर्म में सावन माह का प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की आराधना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है। यह माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस दौरान रखे गए सोमवार के व्रत भक्तों के मन में नई आस्था, ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति का संचार करते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से यह व्रत करने से भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।

व्रत के नियम और विधि:
सावन सोमवार का व्रत अत्यंत पवित्रता और निष्ठा के साथ किया जाता है। व्रत की शुरुआत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने से होती है। इसके बाद, घर में ही या मंदिर जाकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित किया जाता है। शिवलिंग का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण 'पंचामृत' से किया जाता है। भक्तजन इस दौरान 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, भांग, चंदन, अक्षत और सफेद पुष्प चढ़ाते हैं। प्रसाद के रूप में मौसमी फल और मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। व्रतधारी को पूरे दिन केवल फलाहार जैसे फल, दूध, साबूदाना, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा आदि का सेवन करना चाहिए और सामान्य नमक के स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग करना चाहिए। इस दिन अन्न और मांसाहार का त्याग किया जाता है। संध्या के समय शिव-पार्वती की आरती की जाती है और व्रत कथा का श्रवण या पाठ किया जाता है। मन और विचार में भी सात्विकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

पावन कथा का महत्व:
सावन सोमवार व्रत की पावन कथा सुनने या पढ़ने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। यह कथा भगवान शिव और देवी पार्वती के अमर प्रेम और विवाह से संबंधित है, या समुद्र मंथन के दौरान विष पीने की घटना से संबंधित है, जिससे भगवान शिव को 'नीलकंठ' कहा गया। इन कथाओं का पाठ भक्तों के मन में आस्था और दृढ़ विश्वास भरता है और उन्हें जीवन की बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।

व्रत का पारण कैसे करें?
सावन सोमवार के व्रत का पारण अगले दिन यानी मंगलवार को सुबह पूजा-पाठ और ब्राह्मण को भोजन कराने या दान देने के बाद किया जाता है। पारण के समय व्रतधारी फल या किसी सात्विक भोजन से अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

इस प्रकार, सावन सोमवार का व्रत केवल उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण अनुष्ठान है जो शारीरिक शुद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है, और भक्तों को भगवान शिव के करीब लाता है।

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