यूपी की 36 से ज्यादा तहसीलों में जमीन अधिग्रहण का 'महा-अभियान' शुरू, क्या आपकी जमीन भी आ रही है दायरे में?
उत्तर प्रदेश में विकास का पहिया जिस तेज रफ्तार से घूम रहा है, वैसा शायद ही पहले कभी देखा गया हो। एक्सप्रेसवे के जाल, नए एयरपोर्ट्स और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण के साथ, योगी सरकार उत्तर प्रदेश की तस्वीर को हमेशा के लिए बदलने के मिशन पर है। लेकिन इस विकास के लिए जो सबसे पहली और सबसे जरूरी चीज चाहिए, वह है - जमीन।
इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक के सबसे बड़े भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) अभियानों में से एक की शुरुआत कर दी है। खबर है कि प्रदेश की 36 से भी ज्यादा तहसीलों (Tehsils) में हजारों हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
यह खबर उन लाखों किसानों और जमीन मालिकों के लिए बहुत बड़ी है, जिनकी जमीनें इन विकास परियोजनाओं के रास्ते में आ सकती हैं।
आखिर, क्यों हो रहा है इतना बड़ा भूमि अधिग्रहण?
इस 'महा-अधिग्रहण' के पीछे प्रदेश के कुछ सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स हैं, जो यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए 'गेम-चेंजर' साबित होंगे:
1. गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway):
यह इस अधिग्रहण अभियान का सबसे बड़ा कारण है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा और प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को पूर्वी हिस्से से सीधे जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे जिन 12 जिलों और उनकी दर्जनों तहसीलों से होकर गुजरेगा, वहां बड़े पैमाने पर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
2. गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway):
यह एक और विशाल प्रोजेक्ट है जो पूर्वांचल को पश्चिमी यूपी के शामली से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए भी कई जिलों की तहसीलों में जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
3. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स (Industrial Corridors):
सिर्फ सड़कें ही नहीं, सरकार इन एक्सप्रेसवे के किनारे-किनारे औद्योगिक गलियारे भी बना रही है। इन गलियारों में नई फैक्ट्रियां, कंपनियां और लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे, जिनके लिए हजारों एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी।
किसानों और जमीन मालिकों के लिए इसका क्या मतलब है?
सरकार का दावा है कि यह अधिग्रहण पूरी पारदर्शिता और आपसी सहमति से किया जाएगा, और किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा।
- मिलेगा सर्किल रेट से 4 गुना तक मुआवजा: योगी सरकार की नीति के अनुसार, किसानों को उनकी जमीन के मौजूदा सर्किल रेट से चार गुना तक ज्यादा मुआवजा देने का प्रावधान है।
- रोजगार के अवसर: इन परियोजनाओं के बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे।
- विकास की नई लहर: इन एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर के बनने से इन तहसीलों और गांवों की किस्मत बदल जाएगी। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के नए केंद्र खुलेंगे।
हालांकि, कुछ जगहों पर मुआवजे की रकम को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच कुछ मतभेद भी हो सकते हैं। लेकिन सरकार का लक्ष्य इस पूरी प्रक्रिया को जल्द से जल्द और शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करना है, ताकि इन बड़ी परियोजनाओं पर काम समय पर शुरू हो सके।
यह भूमि अधिग्रहण अभियान उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी में एक नया और निर्णायक अध्याय लिखने जा रहा है, जिसका असर आने वाली कई पीढ़ियों तक देखने को मिलेगा।
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