अवध चौराहे का 'महाजाम' होगा खत्म! 5 लाख लोगों को मिलेगी राहत, 30 मिनट का सफर मिनटों में होगा पूरा

Post

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्त और सबसे बड़े जाम वाले चौराहों में से एक, अवध चौराहे पर अब ट्रैफिक का 'महाजाम' अतीत की बात होने जा रहा है। यहां बन रहा अत्याधुनिक अंडरपास अब जल्द ही हकीकत बनने वाला है, जिससे वीआईपी रोड, पारा रोड, आलमबाग और एयरपोर्ट की ओर आने-जाने वाले करीब पांच लाख लोगों को रोज-रोज के ट्रैफिक जाम से सीधी राहत मिलेगी। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ कीमती समय बचेगा, बल्कि ईंधन की भी बड़ी बचत होगी।

अब बचेंगे 30 मिनट और हजारों का पेट्रोल

जो लोग इस रूट से रोज गुजरते हैं, वे जानते हैं कि वीआईपी रोड से पारा रोड जाने में पीक आवर्स के दौरान 25 से 30 मिनट का समय सिर्फ जाम में ही बर्बाद हो जाता है। इस अंडरपास के चालू होने के बाद यह पूरा समय बचेगा। इसका मतलब है कि वाहन चालक उतने ही समय में 15 से 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर सकेंगे, जिससे न सिर्फ समय बल्कि हजारों रुपये के ईंधन की भी बचत होगी।

ऐसे कम होगा 40% ट्रैफिक का बोझ

यह अंडरपास ट्रैफिक को बांटने का काम करेगा।

  • चारबाग की ओर से एयरपोर्ट, उन्नाव और कानपुर जाने वाला भारी ट्रैफिक ऊपर की मुख्य सड़क और फ्लाईओवर से सीधा निकल जाएगा।
  • जबकि पारा, आलमबाग और आसपास की कॉलोनियों में जाने वाला स्थानीय ट्रैफिक अंडरपास का इस्तेमाल करेगा।

अनुमान है कि इस व्यवस्था से अवध चौराहे पर ट्रैफिक का मौजूदा बोझ लगभग 40 प्रतिशत तक कम हो जाएगा, जिससे चौराहा काफी हद तक जाम-मुक्त हो जाएगा।

आधुनिक तकनीक और 30 साल की मजबूती

यह अंडरपास साधारण तरीके से नहीं, बल्कि अत्याधुनिक डबल गर्डर बॉक्स तकनीक से बनाया जा रहा है, जो इसे बेहद मजबूत बनाता है।

  • लंबाई: रैंप समेत इसकी कुल लंबाई 887.36 मीटर है।
  • लेन: यह दो लेन का होगा और रैंप पर भी डिवाइडर लगाया जाएगा ताकि ट्रैफिक सुचारू रूप से चले।
  • क्षमता: इस अंडरपास से 24 घंटे में 15 हजार से अधिक वाहन आसानी से गुजर सकेंगे।
  • आयु: इसका डिजाइन इतना मजबूत है कि यह आने वाले 25 से 30 सालों तक ट्रैफिक के दबाव को आसानी से झेल सकेगा।

सुरक्षा से लेकर जलभराव तक, हर बात का रखा गया है ध्यान

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के अधिकारियों के मुताबिक, इस अंडरपास में सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

  • लाइटिंग: अंडरपास में बेहतरीन और चमकदार LED लाइटिंग की व्यवस्था होगी।
  • जलभराव से मुक्ति: बरसात के दौरान पानी भरने की समस्या से निपटने के लिए जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।
  • CCTV की निगरानी: सुरक्षा के लिए अंडरपास में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे।

इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 14,637.20 लाख रुपये (₹146.37 करोड़) की लागत आ रही है, जो लखनऊ के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई और मजबूत दिशा देगा।

--Advertisement--