भारत से लूटा गया 'सबसे बड़ा समुद्री खजाना' मिला, 300 साल बाद गहरे समुद्र में मिला जहाज

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पुरातत्वविदों ने 101 मिलियन पाउंड (1100 करोड़ रुपये) से ज़्यादा के खजाने से लदे एक 300 साल पुराने जहाज का मलबा खोज निकाला है। यह पुर्तगाली जहाज भारत के गोवा से पुर्तगाल के लिस्बन जा रहा था, लेकिन रास्ते में समुद्री लुटेरों ने उसे डुबो दिया।

यह कौन सा जहाज है?

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द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस जहाज को नोसा सेन्होरा डो काबो के नाम से जाना जाता है।

यह कब और कहां डूबा?

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1721 में इतिहास के सबसे कुख्यात छापों में से एक के दौरान मेडागास्कर के निकट समुद्री डाकुओं ने इसे डुबो दिया था। 16 वर्षों की खोज के बाद, शोधकर्ताओं ने मेडागास्कर के उत्तर-पूर्वी तट पर नोसी बोराहा द्वीप के निकट अंबोडिफोटात्रा खाड़ी में इस जहाज का मलबा ढूंढ निकाला है।

जहाज़ पर क्या मिला?

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इस स्थल पर 3,300 से ज़्यादा कलाकृतियाँ मिली हैं, जिनमें धार्मिक मूर्तियाँ, सोने के सिक्के, मोती और खज़ानों से भरा एक संदूक शामिल है। एक हाथीदांत पट्टिका पर सुनहरे अक्षरों में INRI लिखा है, जो रोमन सुसमाचारों में वर्णित Iesus Nazarenus Rex Iudaeorum का लैटिन संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ है नासरत का यीशु, यहूदियों का राजा।

अद्भुत खजाना

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ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ब्रैंडन ए. क्लिफोर्ड और मार्क आर. अगोस्टिनी ने इस लूट को समुद्री डाकुओं के मानकों के हिसाब से भी "अद्भुत खजाना" बताया है। उनका अनुमान है कि आज के पैसों में इसकी कीमत 108 मिलियन पाउंड से ज़्यादा हो सकती है।

समुद्री डकैती का स्वर्ण युग

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ऐसा माना जाता है कि खज़ाने से लदे इस जहाज़ पर 8 अप्रैल 1721 को कैप्टन ओलिवियर डी बुज़ार्ड लेवास्सेर के नेतृत्व में समुद्री डाकुओं ने हमला किया था। इतिहासकार इसे समुद्री डकैती का स्वर्ण युग कहते हैं। इस जहाज़ की लूट को इतिहास में समुद्री डाकुओं द्वारा की गई सबसे बड़ी डकैतियों में से एक माना जाता है।

जहाज़ पर 200 गुलाम थे

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उस समय जहाज़ पर लगभग 200 गुलाम भी थे, और उनका क्या हुआ, यह अभी भी अज्ञात है। मसालों और कीमती पत्थरों के अलावा, जहाज़ पर गुलाम भी थे जिन्हें पूरे साम्राज्य में बंदरगाहों और खदानों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।

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