Tej Pratap's big Disclosure : RJD में बैठे 5 जयचंद, जो मेरा करियर बर्बाद कर रहे हैं, देंगे नामों का ऐलान

Post

News India Live, Digital Desk: Tej Pratap's big Disclosure : बिहार की राजनीति में RJD के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है! राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर अपनी पार्टी और परिवार में 'जयचंदों' को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है. उन्होंने खुलेआम घोषणा की है कि वह RJD के भीतर सक्रिय 'पांच जयचंदों' का नाम जनता के सामने उजागर करेंगे, जिनकी वजह से उनका राजनीतिक करियर प्रभावित हुआ है. यह बयान ऐसे समय आया है जब तेजस्वी यादव पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, जिससे RJD में अंदरूनी कलह फिर सुर्खियों में आ गई है!

कौन हैं तेज प्रताप के निशाने पर 'जयचंद'?

तेज प्रताप यादव ने ये बड़ा दावा एक निजी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में किया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि RJD में ऐसे पांच लोग हैं, जो उनके खिलाफ साज़िश कर रहे हैं और उनके करियर को बर्बाद करने में जुटे हैं. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जल्द ही वह इन पांचों 'जयचंदों' का नाम सार्वजनिक कर देंगे और यह भी बताएंगे कि उन्होंने क्या-क्या गड़बड़ी की है.

परिवार में अनबन की पुरानी कहानी

यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी और परिवार के खिलाफ आवाज़ उठाई है. इससे पहले भी वह अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और पार्टी के कुछ नेताओं पर अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं. अक्सर उन्हें अपनी ही पार्टी के कार्यक्रमों में 'किनारे' किए जाने या उनके राजनीतिक प्रभाव को कम करने की शिकायत रहती है. इससे पहले भी तेज प्रताप अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद (CSSJP) के ज़रिए पार्टी लाइन से हटकर काम करते दिखे हैं, जिससे तेजस्वी के नेतृत्व में चल रही RJD की एकजुटता पर सवाल उठते रहे हैं.

तेजस्वी की RJD में क्या होगा असर?

यह नया बयान RJD के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है, खासकर तब जब तेजस्वी यादव युवा चेहरे के रूप में पार्टी को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. लालू यादव के जेल में रहने के बाद से तेजस्वी ने ही पार्टी की बागडोर संभाली है, लेकिन बड़े भाई तेज प्रताप की ये नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है. अब देखना यह होगा कि तेज प्रताप जिन 'जयचंदों' का नाम लेते हैं, उनका RJD पर क्या प्रभाव पड़ता है, और तेजस्वी इस अंदरूनी कलह से कैसे निपटते हैं.

यह मुद्दा बिहार की राजनीति में और गरमाएगा, और पार्टी के भीतर के मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ सकते हैं.

--Advertisement--