Tech News : अब फोन में नहीं मिलेगा ICEBlock ऐप ,Apple ने क्यों किया इस विवादित ऐप को BAN

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News India Live, Digital Desk: क्या आप जानते हैं कि टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Apple ने चुपचाप एक ऐसा ऐप अपने ऐप स्टोर से हटा दिया है, जिसने अमेरिका में अप्रवासियों के लिए एक बड़ी मदद का काम किया था? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 'ICEBlock' नाम के एक ऐप की, जिसे ट्रंप सरकार के दबाव में आकर Apple ने हटा दिया है। यह फ़ैसला टेक्नोलॉजी की दुनिया में और मानवाधिकार के पैरोकारों के बीच खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

क्या था ये 'ICEBlock' ऐप और क्यों बना ये विवादों में?

'ICEBlock' एक बहुत ही ख़ास ऐप था जो उन लोगों के लिए बनाया गया था, खासकर अप्रवासी समुदाय (immigrant community) के लिए, जो अमेरिका में ICE (Immigration and Customs Enforcement) एजेंट्स की मौजूदगी के बारे में अलर्ट रहना चाहते थे। यह ऐप यूज़र्स को पहले ही चेतावनी दे देता था कि उनके आसपास ICE एजेंट्स मौजूद हो सकते हैं। इसका फ़ायदा यह होता था कि undocumented migrants और वीज़ा होल्डर्स (visa holders) जैसे लोग समय रहते अलर्ट हो जाते थे और खुद को बचाने के लिए क़दम उठा पाते थे।

आपको बता दें, अमेरिका में यह ऐप अप्रवासी समुदायों में तेज़ी से डाउनलोड हो रहा था और काफी लोकप्रिय हो गया था।

Apple ने क्यों हटाया यह ऐप?

Apple ने पुष्टि की है कि उसने 'ICEBlock' और ऐसे ही अन्य ऐप्स को सुरक्षा कारणों (security reasons) से हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों (law enforcement agencies) से जानकारी मिली थी कि इस तरह के ऐप्स से ICE एजेंट्स की सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है।

ट्रंप प्रशासन और न्याय विभाग का दबाव

यह सारा मामला तब शुरू हुआ जब अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) ने Apple को सीधी चेतावनी दी। उनका कहना था कि 'ICEBlock' जैसे ऐप्स देश में कानून व्यवस्था (law and order) को कमज़ोर करते हैं और फ़ेडरल एजेंट्स की जान को खतरे में डालते हैं। अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी (Attorney General Pam Bondi) ने तो यहाँ तक कहा था कि ऐसे ऐप्स एजेंट्स को सिर्फ़ अपना काम करने के लिए जोखिम में डालते हैं, और वे कानून लागू करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यहाँ तक कि होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम (Homeland Security Secretary Kristi Noem) ने तो ऐप बनाने वाले Joshua Aaron के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात भी कही थी।

मानवाधिकार संगठन हुए नाराज़

Apple के इस फ़ैसले की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है। मानवाधिकार संगठनों (human rights organizations) और कार्यकर्ताओं का कहना है कि Apple सरकार के दबाव में आकर यूज़र्स के अधिकारों और स्वतंत्रता (user rights and freedom) की अनदेखी कर रहा है। उनका मानना है कि 'ICEBlock' जैसे ऐप कमज़ोर और डरे हुए समुदायों (vulnerable communities) को ज़रूरी जानकारी देते थे ताकि वे सुरक्षित रह सकें। अब इसे हटाकर, Apple ने उन आवाज़ों को दबाने का काम किया है जो सत्ता के खिलाफ खड़ी होती हैं।

Apple फंसा असमंजस में

अब Apple एक अजीब स्थिति में फंस गया है। एक तरफ़ उसे ट्रंप प्रशासन से अच्छे संबंध बनाए रखने हैं, वहीं दूसरी तरफ़ वह ख़ुद को यूज़र प्राइवेसी (user privacy) और अभिव्यक्ति की आज़ादी (freedom of speech) का समर्थक भी बताता है। इस बीच, App Store से ऐप्स हटाने का यह फ़ैसला उसके इन दावों पर सवालिया निशान लगाता है।

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