1 अप्रैल 2026 से टैक्स अधिकारियों को मिलेगा डिजिटल अकाउंट्स की जांच का अधिकार

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सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल में कर अधिकारियों को डिजिटल अकाउंट्स की जांच करने का विशेष अधिकार दिया है। यह प्रावधान 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इसके तहत, इनकम टैक्स अधिकारी अब टैक्स चोरी का संदेह होने पर टैक्सपेयर्स के ईमेल, सोशल मीडिया, बैंक अकाउंट्स, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और अन्य ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट की जांच कर सकेंगे।

क्लॉज 247 के तहत यह प्रावधान किया गया है, जो टैक्स अधिकारियों के अधिकारों को और अधिक व्यापक बनाता है।

इनकम टैक्स अफसरों के बढ़ेंगे अधिकार

वर्तमान में, इनकम टैक्स अधिकारियों को फिजिकल एसेट्स की तलाशी और जब्ती का अधिकार प्राप्त है। यदि टैक्स चोरी का संदेह होता है, तो वे:
 कमरे के बंद दरवाजों को तोड़ सकते हैं।
 बंद अलमारी या लॉकर को खोल सकते हैं।
 संपत्तियों की जब्ती कर सकते हैं।

लेकिन नए इनकम टैक्स बिल में डिजिटल जांच का भी प्रावधान जोड़ा गया है। अब अधिकारी टैक्सपेयर्स के कंप्यूटर, मोबाइल, ईमेल और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़ी जानकारियों की भी छानबीन कर सकेंगे।

वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंचेगी जांच

इस बिल में वर्चुअल डिजिटल स्पेस को भी परिभाषित किया गया है। इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ईमेल, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स और डिजिटल फाइनेंशियल एक्टिविटीज को शामिल किया गया है।

इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जांच होगी:

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप
  • ऑनलाइन बैंकिंग और वॉलेट
  • ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (शेयर मार्केट और क्रिप्टो)
  • क्लाउड स्टोरेज (Google Drive, iCloud आदि)

इसका अर्थ है कि अगर टैक्स अधिकारियों को संदेह होता है, तो वे टैक्सपेयर्स के डिजिटल डाटा तक पहुंच सकते हैं और इसकी जांच कर सकते हैं।

टैक्सपेयर्स की डिजिटल स्क्रूटनी होगी

एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए अधिकारों से टैक्स अधिकारियों को टैक्स कंप्लायंस बेहतर करने में मदद मिलेगी।

क्या होगा डिजिटल स्क्रूटनी में?

  • अधिकारियों को बिना पासवर्ड डाले डिजिटल स्पेस में एंट्री की अनुमति हो सकती है।
  • टैक्स चोरी और ब्लैक मनी पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
  • टैक्स नियमों के उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

टैक्सपेयर्स को क्या करना होगा?

अगर टैक्सपेयर अपने डिजिटल अकाउंट्स की जांच से बचना चाहता है, तो उसे पहले से ही सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी टैक्स अधिकारियों को उपलब्ध करानी होगी। इससे संदेह की स्थिति पैदा नहीं होगी और जांच से बचा जा सकेगा।

संसद की स्थायी समिति कर रही बिल पर विचार

सरकार ने इस नए इनकम टैक्स बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है। इसे वित्त पर संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया है। समिति इस बिल पर विस्तृत चर्चा और समीक्षा के बाद जरूरी संशोधन सुझाएगी।

संभावित टाइमलाइन:
संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के बाद अंतिम संशोधन किए जाएंगे।
 सरकार इस नए बिल को अगले साल 1 अप्रैल 2026 से लागू करने की तैयारी में है।