Supreme Court of India : टेक्नोलॉजी बनेगी गरीबों की ताकत, CJI बनने से पहले जस्टिस सूर्यकांत ने खोला भविष्य का पिटारा

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News India Live, Digital Desk : Supreme Court of India : अदालतों का दरवाजा सिर्फ अमीरों और ताकतवर लोगों के लिए नहीं है, बल्कि इंसाफ पर पहला हक उस आखिरी व्यक्ति का है जो समाज की सबसे निचली पंक्ति में खड़ा है।" - यह शक्तिशाली और प्रेरणादायक संदेश भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने जा रहे जस्टिस सूर्यकांत ने श्रीलंका की धरती से पूरी दुनिया को दिया है।

कोलंबो में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन को संबोधित करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने न्याय की अपनी उस सोच और विजन को दुनिया के सामने रखा, जो आने वाले समय में भारतीय न्यायपालिका की दिशा तय कर सकती है। उनका यह भाषण सिर्फ एक औपचारिक संबोधन नहीं, बल्कि करोड़ों गरीबों, वंचितों और कमजोर लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है।

"पिरामिड को उलटना होगा"

जस्टिस सूर्यकांत ने न्याय व्यवस्था की पारंपरिक सोच को चुनौती देते हुए कहा कि हमें न्याय के पिरामिड को उलटना होगा।

  • क्या कहा उन्होंने?: "हमारी पारंपरिक कानूनी प्रणालियां अक्सर एक पिरामिड की तरह होती हैं, जहां संसाधन वाले लोग आसानी से शीर्ष पर पहुंच जाते हैं, जबकि गरीब और कमजोर लोग नीचे ही संघर्ष करते रहते हैं। हमें इस पिरामिड को उलटने की जरूरत है। हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि न्याय सबसे पहले उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, जिसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।"
  • गांधीजी का दिया हवाला: उन्होंने महात्मा गांधी के 'अंत्योदय' के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी नीति या कानून तब तक सफल नहीं है, जब तक उसका लाभ समाज के सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्यक्ति तक न पहुंच जाए। यही सिद्धांत न्याय व्यवस्था पर भी लागू होता है।

टेक्नोलॉजी बनेगी गरीबों का हथियार

भारत के भावी CJI ने इस बात पर भी जोर दिया कि टेक्नोलॉजी न्याय को सस्ता, सुलभ और तेज बनाने में एक क्रांतिकारी भूमिका निभा सकती है।

  • ई-कोर्ट्स और वर्चुअल सुनवाई: उन्होंने कहा कि भारत में ई-कोर्ट्स और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई ने दूर-दराज के गांवों में रहने वाले लोगों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात पहुंचाना संभव बना दिया है।
  • AI का इस्तेमाल: जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कानूनी रिसर्च और केसों के प्रबंधन में किया जा सकता है, जिससे वकीलों पर बोझ कम होगा और वे गरीबों के मामलों पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।

नवंबर 2025 में संभालेंगे CJI का पद

जस्टिस सूर्यकांत, जो अपनी स्पष्टवादिता और मानवीय दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, नवंबर 2025 में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। CJI बनने से पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर न्याय को लेकर उनकी यह प्रगतिशील और समावेशी सोच यह संकेत देती है कि उनके नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका का फोकस 'आम आदमी' और 'अंतिम व्यक्ति' पर रहने वाला है।

उनका यह भाषण सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि भारतीय न्याय व्यवस्था के एक नए और सुनहरे अध्याय की प्रस्तावना है।

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