Supreme Court : यमन में मौत की सज़ा पाई निमिषा प्रिया,SC में आज अंतिम उम्मीद पर सुनवाई

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News India Live, Digital Desk: दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट आज यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की ज़िंदगी बचाने की अंतिम उम्मीद पर सुनवाई करेगा। केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक तलल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई गई है। यह सज़ा यमन के सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बरकरार रखी जा चुकी है।

बताया जा रहा है कि 16 जुलाई को उनकी फांसी की तारीख मुकर्रर हो सकती है, जिसके मद्देनज़र 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' और निमिषा का परिवार लगातार उनकी जान बचाने के लिए प्रयासरत है। काउंसिल ने भारतीय दूतावास के साथ-साथ विदेश मंत्रालय से भी इस मामले में राजनयिक हस्तक्षेप की अपील की है।

इस पूरे प्रकरण में पीड़ित परिवार को 'ब्लड मनी' (जिसे दीया के नाम से भी जाना जाता है) देकर सुलह की संभावना तलाश की जा रही है। अगर पीड़ित परिवार यह ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है, तो निमिषा को फांसी से बचाया जा सकता है।

इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने निमिषा को कानूनी और राजनयिक मदद देने के लिए सरकार को निर्देश दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने ‘ब्लड मनी’ के भुगतान के लिए पैसे इकट्ठा करने की अनुमति नहीं दी थी। इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह यमन में ब्लड मनी के भुगतान के लिए ज़रूरी कदम उठाए, क्योंकि देश के कानून के तहत विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की होती है।

आज की सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह एक माँ और एक भारतीय नागरिक की जान बचाने की अंतिम कोशिश है, जो सालों से यमन की जेल में मौत की सज़ा के ख़तरे का सामना कर रही हैं। देश की सबसे बड़ी अदालत का फैसला ही तय करेगा कि क्या निमिषा प्रिया को यमन की धरती पर फांसी के फंदे से बचाया जा सकेगा या नहीं।

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