गर्मियों के आगमन के साथ ही बाजार में गन्ने का रस बिकना शुरू हो जाता है। अधिकतर लोग गर्मी से राहत पाने के लिए इसे पीना पसंद करते हैं। गर्मी के मौसम में हीटस्ट्रोक और गर्मी से होने वाली थकावट से बचने के लिए गन्ने के रस का सेवन सबसे अधिक किया जाता है। यह जूस ताज़गी देने वाला और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है।
हालांकि, मधुमेह के रोगी गन्ने का रस पीने को लेकर हमेशा असमंजस में रहते हैं। क्या उसे गन्ने का रस पीना चाहिए या नहीं? क्योंकि गन्ने का रस मीठा होता है। डॉक्टरों की मानें तो गन्ने का रस बहुत मीठा होता है। जिसमें बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है।
हेल्थलाइन डॉट कॉम के अनुसार, अन्य सभी मीठे पेय पदार्थों की तरह गन्ने का रस भी मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। गन्ने का रस पीने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है। विशेषज्ञों और कई अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों के बाद, डॉक्टर मधुमेह के रोगियों को गन्ने का रस पीने की सलाह बिल्कुल नहीं देते हैं। गन्ने का रस पीने से पॉलीफेनोल एंटीऑक्सीडेंट निकलता है। जो अग्न्याशय को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए मजबूर कर सकता है।
गन्ने का रस पीने के बजाय आप किसी भी ताजे फलों का रस, चीनी रहित चाय और कॉफी का सेवन कर सकते हैं। हालाँकि, इन चीजों का सेवन डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करना उचित है।