Student Visa Warning : ब्रिटेन ने अचानक क्यों बदले नियम? भारतीय छात्रों के लिए आई ये बड़ी मुसीबत

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News India Live, Digital Desk: Student Visa Warning : लाखों भारतीय छात्र हर साल बेहतर भविष्य का सपना लेकर यूनाइटेड किंगडम (UK) पढ़ने जाते हैं। लेकिन अब लगता है कि ब्रिटिश सरकार के कुछ नए फैसले इन सपनों पर भारी पड़ सकते हैं। हाल ही में, यूके की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एक सीधी और सख्त चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पढ़ाई पूरी होने के बाद या तो वे वापस अपने देश लौट जाएं, या फिर निर्वासित (deport) होने के लिए तैयार रहें।

यह खबर उन हजारों छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक झटके की तरह है जो यह उम्मीद लगाकर बैठे थे कि पढ़ाई के बाद उन्हें ब्रिटेन में काम करने का मौका मिलेगा। तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि यूके को यह सख्त कदम उठाना पड़ा?

क्यों दी जा रही है यह चेतावनी?

इस चेतावनी के पीछे की सबसे बड़ी वजह ब्रिटेन में बढ़ती आप्रवासन (immigration) की संख्या है। सरकार पर इस बात का दबाव है कि देश में बाहर से आने वाले लोगों की संख्या को नियंत्रित किया जाए। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि पढ़ाई के नाम पर यूके आने वाले कई छात्र अपना कोर्स पूरा करने के बाद भी देश में ही रुके हुए हैं, जबकि उनके वीजा की शर्तें इसकी इजाजत नहीं देतीं

सरकार का मानना है कि छात्र वीजा का गलत इस्तेमाल हो रहा है और कई लोग इसे यूके में बसने के एक आसान रास्ते के तौर पर देख रहे हैं। एक और बड़ी चिंता यह है कि कई छात्र अपना वीजा खत्म होने के बाद शरण (asylum) के लिए आवेदन कर रहे हैं, भले ही उनके अपने देश में हालात बदले न हों। इसी पर नकेल कसने के लिए अब नियमों को और सख्त कर दिया गया है।

क्या हैं नए नियम और इसका क्या असर होगा?

नए नियमों के तहत, अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई पूरी करने के बाद यूके में रुकना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। सरकार ने "ग्रेजुएट रूट वीजा" (Graduate Route visa) जैसे प्रोग्रामों पर भी कैंची चलाई है, जो छात्रों को पढ़ाई के बाद काम खोजने के लिए दो साल तक रुकने की अनुमति देता था। अब इसे घटाकर 18 महीने करने का प्रस्ताव है।

यूके होम ऑफिस पहली बार सीधे छात्रों को टेक्स्ट मैसेज और ईमेल के जरिए संपर्क कर चेतावनी दे रहा है। इन संदेशों में साफ लिखा है, “अगर आपके पास यूके में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है, तो आपको चले जाना चाहिए। अगर आप नहीं जाते हैं, तो हम आपको निकाल देंगे।”

अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ वही छात्र यूके में रुक पाएंगे जो नौकरी के लिए जरूरी ऊंचे कौशल (high-skilled jobs) की शर्तों को पूरा करते हैं और जिन्हें कोई कंपनी स्पॉन्सर करने के लिए तैयार है। बाकी सभी छात्रों को अपना कोर्स खत्म होते ही देश छोड़ना होगा।

जो छात्र इन नियमों का पालन नहीं करेंगे और वीजा खत्म होने के बाद भी यूके में पाए जाएंगे, उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाएगा, जिसका असर उनके भविष्य पर बहुत बुरा पड़ सकता है। यह फैसला भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि भारत से हर साल सबसे ज्यादा छात्र यूके पढ़ने जाते हैं। अब उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ अपने भविष्य को लेकर भी एक नई अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

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