हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्य सरकारों को सख्त निर्देश, हेट स्पीच कंटेंट पर तुरंत नियंत्रण लगाएं
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को हेट स्पीच पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि हेट स्पीच को गंभीरता से लिया जाए और इसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत दर्ज होने का इंतज़ार किए बिना, पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह एक "बड़ा खतरा" बनता जा रहा है जिसे रोकना ज़रूरी है।
अभद्र भाषा पर तुरंत प्रतिबंध लगाएँ
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया पर फैल रही नफ़रत भरी बातें चिंताजनक हैं और इन्हें रोकने की सख़्त ज़रूरत है। आजकल 'अभिव्यक्ति की आज़ादी' के नाम पर हर चीज़ को सही ठहराने की कोशिश हो रही है, जो बेहद ख़तरनाक है। कोर्ट ने कहा कि नफ़रत भरी बातें देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए ख़तरा हैं और इन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए।
अदालत ने मीडिया को भी फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे स्वतः संज्ञान लेकर आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 295ए और 505 के तहत कार्रवाई करें, भले ही कोई शिकायत दर्ज न हुई हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि कार्रवाई करने में किसी भी तरह की हीलाहवाली सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। कोर्ट ने मीडिया, खासकर टीवी चैनलों को भी फटकार लगाई और कहा कि हेट स्पीच रोकने की ज़िम्मेदारी एंकरों की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को हेट स्पीच के मुद्दे को महत्वहीन नहीं बनाना चाहिए और इसे रोकने के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए।
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