आगरा का अजीब किस्सा एक दोस्त जेल से बाहर आया, तो स्वागत में 10 दोस्त जेल के अंदर चले गए

Post

News India Live, Digital Desk : आपने हिंदी फिल्मों में वो डायलॉग तो सुना होगा "एक जाएगा, तो दूसरा आएगा!" लेकिन उत्तर प्रदेश के Agra में कल जो हुआ, उसने इस डायलॉग का मतलब ही बदल दिया। यहाँ सीन कुछ ऐसा बना कि एक दोस्त जेल से बाहर आया, तो उसकी खुशी में 10 दोस्त उसी जेल के अंदर चले गए!

जी हाँ, यह कोई मज़ाक नहीं है। यह आगरा की वो हकीकत है जिसे सुनकर लोग हंस भी रहे हैं और माथा भी पीट रहे हैं। आइए, आपको देसी अंदाज में बताते हैं कि आखिर यह "स्वैग" वाला जश्न कैसे पुलिस की रेड में बदल गया।

फेसबुक वाला न्योता: "सब जेल गेट पहुँचो!"

असली कहानी शुरू होती है सोशल मीडिया से। Raj Chauhan नाम का एक युवक, जो हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले में आगरा जिला जेल में बंद था, उसकी जमानत (Bail) मंजूर हो गई। उसके भाई ने तुरंत फेसबुक पर एक 'टशन' वाला पोस्ट डाला "शेर वापस आ रहा है, सभी भाई शाम 6 बजे जेल गेट पर पहुँचें।"

अब भाई का बुलावा था, तो चेले-चपाटे कैसे पीछे रहते? देखते ही देखते लगभग 200 लड़के 60-70 बाइकों और कारों का काफिला लेकर आगरा जिला जेल के बाहर जमा हो गए।

फिर शुरू हुआ सड़क पर तांडव

जैसे ही शाम को राज चौहान जेल से बाहर आया, उसके दोस्तों ने आव देखा न ताव सड़क पर ही 'दिवाली' मनानी शुरू कर दी।

  • हूटर्स का शोर: गाड़ियों में लगे अवैध हूटर जोर-जोर से बजने लगे।
  • स्टंटबाजी: सनरूफ (Sunroof) से बाहर लटककर नारे लग रहे थे।
  • ट्रैफिक जाम: इन जनाबों ने खंदारी बाईपास से लेकर जेल रोड तक ऐसा जुलूस निकाला कि पूरा ट्रैफिक जाम हो गया। एम्बुलेंस हो या आम पब्लिक, सबको निकलने में पसीने छूट गए।

ये लड़के सड़क को अपनी जागीर समझकर हुड़दंग मचा रहे थे, लेकिन वो भूल गए कि यह Yogi Adityanath का यूपी है।

पुलिस की एंट्री और दोस्तों की 'विदाई'

इतना शोर-शराबा हो और पुलिस को पता न चले, यह कैसे हो सकता है? Inspector New Agra और उनकी टीम अपनी जीप लेकर मौके पर पहुँच गई। पुलिस का सायरन सुनते ही जो लड़के खुद को 'शेर' समझ रहे थे, वो गलियों में रफूचक्कर हो गए।

लेकिन पुलिस ने भी घेराबंदी कर ली थी। भगदड़ में पुलिस ने 10 हुड़दंगियों को दबोच लिया। इतना ही नहीं, उनकी एसयूवी और लग्जरी कारों को भी सीज कर दिया गया। और सबसे बड़ी बात जिन धाराओं (शांति भंग) में कार्रवाई हुई, उसके तहत इन दसों दोस्तों को उसी जेल में भेज दिया गया, जहाँ से उनका 'भाई' अभी-अभी बाहर आया था।

पकड़े गए युवकों के नाम अमित, लक्की, प्रिंस और ध्रुव वगैरह बताए जा रहे हैं।

रील के चक्कर में मत बिगाड़ो जिंदगी

आजकल की युवा पीढ़ी Instagram Reels और सोशल मीडिया पर टशन दिखाने के चक्कर में कानून को जेब में रखने की गलती कर बैठती है। आगरा की यह घटना एक सबक है कि सड़क पर जश्न मनाने और 'शक्ति प्रदर्शन' करने का अंजाम क्या हो सकता है।

पुलिस अब सीसीटीवी (CCTV) फुटेज खंगाल रही है ताकि भागने वाले बाकी "हीरो" को भी पकड़ा जा सके। खैर, अब ये 10 दोस्त जेल के अंदर बैठकर यही सोच रहे होंगे “इससे अच्छा तो घर पर समोसा पार्टी कर लेते!”

--Advertisement--