Smart keys Technology : वो 4 चीजें जो आज आपके पास हैं, लेकिन आपके बच्चे शायद उन्हें कभी इस्तेमाल नहीं करेंगे

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News India Live, Digital Desk:  Smart keys Technology : याद है वो ऑडियो कैसेट और वीसीआर का जमाना? जो चीजें कभी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हुआ करती थीं, आज वो म्यूजियम या किसी पुरानी कहानी का हिस्सा बन चुकी हैं। टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से बदल रही है कि कल का अविष्कार आज पुराना हो जाता है।

अब जरा 6-7 साल आगे की सोचिए, साल 2030 की। यकीन मानिए, आज हम जिन चीजों के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते, उनमें से कई चीजें तब तक गायब हो चुकी होंगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो हमारी जेब में रखी, हाथ में पकड़ी और घर में इस्तेमाल होने वाली कई टेक्नोलॉजी 'गुजरते वक्त की बात' बन जाएंगी।

तो चलिए, जानते हैं उन 4 चीजों के बारे में जिन्हें हम 2030 तक अलविदा कह सकते हैं।

1. क्रेडिट और डेबिट कार्ड (The Plastic Money)

आपकी जेब में पर्स... और पर्स में ढेरों प्लास्टिक कार्ड्स। शॉपिंग से लेकर बिल भरने तक, ये कार्ड हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। लेकिन अब इनका जमाना लदने वाला है। भारत में UPI ने जिस तरह से डिजिटल पेमेंट की क्रांति लाई है, वो तो बस एक शुरुआत है।

  • क्यों होंगे गायब? NFC (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) टेक्नोलॉजी, जिसे हम "टैप एंड पे" के नाम से जानते हैं, तेजी से लोकप्रिय हो रही है। आपका स्मार्टफोन, आपकी स्मार्टवॉच ही आपका क्रेडिट कार्ड बन चुकी है। अब पर्स निकालने की भी जरूरत नहीं, बस फोन या घड़ी को मशीन पर टैप किया और पेमेंट हो गया। 2030 तक, फिजिकल कार्ड रखना एक पुरानी बात हो जाएगी। आपका स्मार्टफोन ही आपका चलता-फिरता बैंक होगा।

2. टीवी का रिमोट कंट्रोल (The Lost King of the Couch)

सोफे की दरारों में खोया हुआ रिमोट ढूंढने की जंग हम सबने लड़ी है। कभी बैटरी खत्म, तो कभी कोई बटन काम नहीं कर रहा। लेकिन अब इस 'राजा' की सल्तनत भी खतरे में है।

  • क्यों होगा गायब? इसका जवाब है - आपकी आवाज। "Ok Google, टीवी ऑन कर दो", "Alexa, आवाज कम कर दो"। वॉयस असिस्टेंट टेक्नोलॉजी इतनी स्मार्ट हो चुकी है कि रिमोट की जरूरत ही खत्म होती जा रही है। इसके अलावा, आपके स्मार्टफोन में मौजूद ऐप्स आपको टीवी से लेकर एसी तक, सब कुछ कंट्रोल करने की ताकत देते हैं। 2030 तक, आपकी आवाज और आपका फोन ही आपका यूनिवर्सल रिमोट होगा।

3. कार की चाबियां (The Jingling Burden)

घर से निकलने से पहले चाबियों का गुच्छा ढूंढना, जेब में उसकी भारीपन को सहना... ये सब जल्द ही बीते दिनों की बात होने वाली है। फिजिकल चाबियों का कॉन्सेप्ट तेजी से पुराना हो रहा है।

  • क्यों होंगी गायब? "की-लेस एंट्री" और "पुश-बटन स्टार्ट" तो अब आम हो चुका है। अगला कदम है 'फोन एज ए की' (Phone as a Key)। आपकी कार आपके स्मार्टफोन से ही लॉक-अनलॉक और स्टार्ट होगी। टेस्ला जैसी कंपनियां इसे पहले ही हकीकत बना चुकी हैं। इसके अलावा, बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी (फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन) भी कारों में आ रही है, जहां आपकी कार आपको आपके चेहरे या उंगलियों के निशान से पहचानेगी।

4. चार्जर और केबल का जंजाल

ड्राइंग रूम से लेकर बिस्तर तक, हर तरफ उलझे हुए तार... यह हर घर की कहानी है। अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग केबल रखना और उन्हें संभालना एक मुश्किल काम है। लेकिन जल्द ही हम तारों की इस दुनिया से आजाद हो सकते हैं।

  • क्यों होंगे गायब? वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) टेक्नोलॉजी अब काफी आम हो चुकी है। अब आपको बस अपना फोन एक चार्जिंग पैड पर रखना होता है और वह चार्ज होने लगता है। कंपनियां धीरे-धीरे एक 'पोर्ट-लेस' भविष्य की ओर बढ़ रही हैं, जहां फोन में कोई चार्जिंग पोर्ट ही नहीं होगा। 2030 तक वायर्ड चार्जिंग एक दुर्लभ चीज बन सकती है।

बदलाव ही दुनिया का नियम है, और टेक्नोलॉजी में यह बदलाव किसी तूफान की गति से आ रहा है। तो अगली बार जब आप अपनी जेब में क्रेडिट कार्ड रखें या रिमोट ढूंढें, तो एक पल के लिए मुस्कुराइएगा, क्योंकि शायद आप इतिहास के एक ऐसे टुकड़े का इस्तेमाल कर रहे हों जो आपकी अगली पीढ़ी को सिर्फ तस्वीरों में ही देखने को मिलेगा।

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