Skill India Mission : करोड़ों युवाओं का भविष्य संवारेगा कौशल भारत मिशन भारत बनेगा दुनिया की स्किल कैपिटल
News India Live, Digital Desk: आज से ठीक नौ साल पहले, 15 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'कौशल भारत मिशन' की शुरुआत की थी। उनका दूरदर्शी लक्ष्य था कि भारत को दुनिया की 'कौशल राजधानी' बनाया जाए, ताकि देश के युवा न केवल रोजगार हासिल करें, बल्कि अपनी क्षमता से आत्मनिर्भर बन सकें। यह अभियान भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेंड) का पूरा उपयोग करने के लिए तैयार किया गया है।
इस महत्वाकांक्षी अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उद्योग-आधारित कौशल प्रदान करके रोजगार योग्य बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। आंकड़े बताते हैं कि यह मिशन अपनी यात्रा में बेहद सफल रहा है: अब तक देश भर में 5 करोड़ 76 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और इनमें से लगभग 77 लाख लोगों को रोजगार मिला है या उन्होंने अपने स्वयं के उद्यम शुरू किए हैं। सरकार का लक्ष्य भविष्य में 6 करोड़ से भी अधिक लोगों को कौशल प्रदान करना है।
'कौशल भारत मिशन' के तहत कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें सबसे प्रमुख है 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' (पीएमकेवीवाई)। यह एक व्यापक योजना है जो युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में शॉर्ट-टर्म प्रशिक्षण देती है। इसमें विशेष परियोजनाओं और 'पहले के सीखने को मान्यता' (आर.पी.एल.) के माध्यम से अनुभव प्राप्त लोगों को प्रमाण पत्र देने का प्रावधान भी है। इसके अलावा, 'जन शिक्षण संस्थान' (जेएसएस) विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो निरक्षर या नवसाक्षर हैं, ताकि वे अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें। वहीं, 'राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना' (नैप्स) उद्योगों के माध्यम से युवाओं को ऑन-जॉब प्रशिक्षण और स्टाइपेंड का समर्थन देती है। ये सभी योजनाएं विभिन्न मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित कर चलती हैं, ताकि अधिकतम पहुंच और प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए युवाओं को किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है, हालांकि प्रत्येक कोर्स के लिए कुछ बुनियादी पात्रता मानदंड हो सकते हैं। लाभार्थी पीएमकेवीवाई की आधिकारिक वेबसाइट PMKVYOfficial.org पर जाकर अपने पसंद के कोर्स और निकटतम प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वे डेटा एंट्री, कंप्यूटर बेसिक्स, नर्सिंग असिस्टेंट, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विविध क्षेत्रों में कौशल विकसित कर सकते हैं। आमतौर पर, 15 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लोग इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं।
संक्षेप में, 'कौशल भारत मिशन' न केवल लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ रहा है, बल्कि यह भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को एक शक्तिशाली कार्यबल में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह आर्थिक विकास को गति देने और 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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