Simple method of Shiva worship in Sawan: जानें पूजन के 7 अचूक नियम और महादेव को प्रसन्न करने के तरीके
Shiv Puja Vidhi: सनातन परंपरा में मान्यता है कि भगवान शिव त्रिदेवों में ऐसे देव हैं जो भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए श्रावण मास सबसे शुभ और फलदायी समय माना जाता है। भगवान शिव के बारे में मान्यता है कि भगवान शिव भक्त की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यही वजह है कि श्रावण मास में शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। श्रावण मास में भक्त रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक सहित पूजा-अर्चना करते हैं। यूं तो भगवान शिव की पूजा-अर्चना और आराधना करना बेहद आसान है, लेकिन श्रावण मास में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
श्रावण मास में शिव की पूजा कब करें?
हिंदू मान्यता के अनुसार, यदि आप भगवान शिव की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्रावण मास में सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि का दिन सर्वोत्तम है। शिव पूजा नियमित रूप से की जा सकती है, लेकिन इन तीन दिनों में शिव पूजा करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं। प्रदोष काल शिव पूजा के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस समय रुद्राभिषेक या भोलेनाथ की पूजा करने से अद्वितीय शुभ फल प्राप्त होते हैं। श्रावण मास में प्रतिदिन शिव पूजा के लिए सुबह का समय शुभ होता है।
शिव पूजा का सरल अनुष्ठान
श्रावण मास में शिव की पूजा करने के लिए स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पवित्र मन से शिव का स्मरण करें। श्रावण मास में काले वस्त्र पहनकर शिव की पूजा न करें। शिव की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए। शिव की पूजा करने के लिए सबसे पहले शिवलिंग पर पवित्र गंगा जल या शुद्ध जल अर्पित करें। उसके बाद अपनी सुविधानुसार दूध, दही, घी, फूल, भांग, भूसी, वस्त्र आदि अर्पित कर सकते हैं। सामग्री अर्पित करने के बाद भोग में भगवान को फल या मिठाई अर्पित करें। उसके बाद मन ही मन ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद शिव की आरती करें।
श्रावण मास के 7 आवश्यक नियम
1. शिव पूजा का शुभ फल पाने के लिए यह आवश्यक है कि पूजा शुद्ध तन और मन से की जाए। शिव पूजा के दौरान क्रोध न करें।
2. यदि आप श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शिव पूजा के लिए घर के ईशान कोण या उत्तर दिशा का चयन करें और इस स्थान को हमेशा साफ रखें।
3. यदि आप गृहस्थ हैं तो शिव साधना करने के लिए मंदिर में शिव परिवार का चित्र स्थापित कर उसकी भक्तिपूर्वक पूजा कर सकते हैं।
4. अगर आप घर पर शिवलिंग की पूजा करना चाहते हैं तो पारद शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। महादेव की पूजा के साथ-साथ नंदी की पूजा करना भी आवश्यक है।
5. यदि आप श्रावण मास में भगवान महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो मंत्र जप के लिए एक निश्चित समय और स्थान निर्धारित करें। प्रतिदिन एक ही स्थान पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से मंत्र जप करें। मंत्र जप हमेशा आसन पर बैठकर ही करें।
6. भगवान शिव को शमी या बिली पत्ता चढ़ाते समय ध्यान रखें कि एक भी पत्ता टूटा हुआ न हो। बिली पत्ता और शमी पत्ता हमेशा उल्टा चढ़ाना चाहिए।
7. भगवान शिव की पूजा में तुलसी, हल्दी, शंख, चंपा और केतकी के फूलों का प्रयोग भूलकर भी न करें।
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