Silver Hallmarking : अब चांदी के गहनों पर भी होगी असली-नकली की पहचान, 1 सितंबर से बदल गया ये बड़ा नियम

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News India Live, Digital Desk: Silver Hallmarking :  सोने की तरह अब चांदी खरीदते समय भी आपको उसकी शुद्धता (Purity) को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। 1 सितंबर से सरकार ने चांदी के गहनों और कलाकृतियों पर भी हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। यह एक ऐसा बड़ा बदलाव है जो आपको चांदी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से बचाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि आप जितने पैसे दे रहे हैं, उतने ही शुद्ध चांदी आपको मिल रही है।

अब तक हॉलमार्किंग सिर्फ सोने के गहनों के लिए ही अनिवार्य थी, लेकिन अब चांदी भी इसी दायरे में आ गई है। चलिए जानते हैं कि इस नए नियम का आप पर और बाजार पर क्या असर पड़ेगा।

क्या होती है हॉलमार्किंग और यह क्यों जरूरी है?

हॉलमार्किंग किसी भी कीमती धातु की शुद्धता का सरकारी प्रमाण होती है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), जो कि भारत की राष्ट्रीय मानक संस्था है, गहनों की जांच करके उन पर एक खास निशान लगाता है। यह निशान इस बात की गारंटी होता है कि गहना बताई गई शुद्धता के मानकों पर खरा उतरता है।

यह इसलिए जरूरी है क्योंकि कई बार ज्वैलर्स कम शुद्धता वाली चांदी को ज्यादा शुद्ध बताकर बेच देते हैं, जिससे ग्राहक ठगे जाते हैं। अब इस नए नियम के बाद ऐसा करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।

अब चांदी के गहने खरीदते समय क्या देखें?

पहले चांदी की शुद्धता का कोई पक्का पैमाना नहीं होता था, लेकिन अब हर हॉलमार्क वाले चांदी के आइटम पर आपको कुछ खास निशान देखने होंगे। BIS के अनुसार, हॉलमार्क वाली चांदी पर ये 3 निशान होंगे:

  1. BIS का लोगो: यह भारतीय मानक ब्यूरो का आधिकारिक त्रिभुज के आकार का चिह्न होता है।
  2. शुद्धता का ग्रेड (Purity Grade): यह बताता है कि चांदी कितनी शुद्ध है। चांदी के लिए यह 925 या 92.5 (इसे स्टर्लिंग सिल्वर भी कहते हैं) या अन्य निर्धारित ग्रेड में होगा। इसका मतलब है कि आइटम में 92.5% शुद्ध चांदी है।
  3. ज्वैलर या निर्माता का निशान: यह उस ज्वैलर का खास पहचान चिह्न होगा, जहां से गहना बना है।

ध्यान दें: सोने की तरह, चांदी के गहनों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर भी हो सकता है, जो हर पीस को एक यूनिक पहचान देता है।

इस नियम का क्या होगा असर?

  • ग्राहकों के लिए फायदा: अब ग्राहकों को चांदी की शुद्धता की पूरी गारंटी मिलेगी। जब वे अपने पुराने गहने बेचने या एक्सचेंज करने जाएंगे, तो उन्हें उसकी सही कीमत मिलेगी, क्योंकि शुद्धता पहले से प्रमाणित होगी।
  • ज्वैलर्स के लिए बदलाव: अब देश के हर उस ज्वैलर को, जो चांदी के गहने बेचना चाहता है, BIS के साथ रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। उन्हें केवल हॉलमार्क वाले गहने ही बेचने की अनुमति होगी।

सरकार का यह कदम भारत के विशाल रत्न और आभूषण बाजार को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। तो अगली बार जब आप चांदी की पायल, बिछिया या कोई अन्य गहना खरीदने जाएं, तो उस पर BIS हॉलमार्क का निशान देखना न भूलें।

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