ऑफिस में घंटों बैठे रहने वाले सावधान! लंबी सिटिंग से आ सकता है 'साइलेंट' हार्ट अटैक

Post

अगर आप भी डेस्क जॉब करते हैं और दिन भर कुर्सी पर बैठकर काम करने के आदी हैं, तो ये खबर आपके लिए है। हाल ही में हुए कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक बैठे रहने से दिल की सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है, और सबसे खतरनाक बात तो ये है कि यह खतरा 'साइलेंट' हार्ट अटैक के रूप में आ सकता है।

क्या है 'साइलेंट' हार्ट अटैक?

'साइलेंट' हार्ट अटैक यानी एक ऐसा दिल का दौरा, जिसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोग उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अक्सर, मरीज़ को सीने में हल्का दर्द या बेचैनी महसूस होती है, जिसे वो एसिडिटी या थकावट समझकर टाल जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यह हार्ट अटैक दिल को उतना ही नुकसान पहुँचाता है जितना कि कोई बड़ा अटैक।

लंबी सिटिंग कैसे बढ़ाती है खतरा?

डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर में कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं।

  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है: बैठे रहने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ता है, जो धमनियों में जमने लगता है।
  • ब्लड प्रेशर बढ़ता है: ज़्यादा देर बैठने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है, जो दिल के लिए खतरनाक है।
  • मेटाबॉलिज्म धीमा होता है: बैठे रहने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
  • धमनियों में ब्लॉकेज: इन सभी कारणों से धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है, जो 'साइलेंट' हार्ट अटैक का कारण बनता है।

कैसे करें बचाव?

अगर आप डेस्क जॉब करते हैं, तो आप इन बातों का ध्यान रखकर दिल के दौरे के खतरे को कम कर सकते हैं:

  • ब्रेक लें: हर घंटे काम से 5-10 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान टहलें, स्ट्रेचिंग करें या हल्का-फुल्का व्यायाम करें।
  • एक्टिव रहें: लंच ब्रेक में टहलें या सीढ़ियाँ चढ़ें। कोशिश करें कि लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  • हेल्दी खाएं: जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें। ताज़े फल, सब्जियां और फाइबर युक्त आहार लें।
  • वजन कंट्रोल करें: अपने वजन को नियंत्रित रखें। अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • नियमित चेकअप: नियमित रूप से अपने दिल की जांच कराएं। अगर आपको सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत या थकान महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

याद रखें, अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहना ज़रूरी है। छोटी-छोटी आदतें बदलकर आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

--Advertisement--